RTI में क्यों शब्द देखकर निरस्त न करे आवेदन।
RTI में क्यों शब्द देखकर निरस्त न करे आवेदन
राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने अधिकारी से कहा है की वह आरटीआइ में क्यों शव्द देखकर उसके आवेदन का निरस्त न करे । अधिकारी यह न देखे की आरटीआइ में क्यों शब्द का इस्तेमाल किया गया है तो उसका जवाब नहीं देना है बल्कि वह यह देखे की यदि सवाल का जवाब रिकॉर्ड में है तो उसे आवेदक को उपलब्ध कराना है । जो जवाब रिकॉर्ड में है सिर्फ उसे ही आवेदक को उपलब्ध कराना है राज्य सूचना आयुक्त बृहस्पतिवार को कलक्ट्रेड सभागार में विभिन विभागों के जन सूचना अधिकारी व अन्य कर्मचारी को प्रशिक्षण दे रहे थे उन्होंने इस दौरान आरटीआइ से सम्बंधित बारीकियों से कर्मचारी को अवगत कराया और आरटीआइ को किस तरह से आम आदमी के लिए सुलभ बनाया जा सकता है ।
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उन्होंने कहा की वह प्रदेश के हर जिले मुख्यालय में जाकर अधिकारियो कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहे है इसके पीछे आम आदमी व आरटीआइ के प्रति जागरूक करना है इसके साथ ही जनसूचना अधिकारी पारदर्शी बने ।प्रदेश स्तर पर अभी लगभग 50 हजार तक आरटीआइ लंबित है जबकि मेरठ मंडल में इसकी संख्या करीब दो हजार है पिछले कुछ समय में आरटीआइ के निस्तारण में तेजी आई है और लंबित RTI की संख्या घटी है। RTI के नियमो के उलंघन पर प्रदेश मई करीब 12 हजार अधिकारियो पर अर्थदंड लगाया जा चुका है। प्रदेश भर से शिकायतें मिलती है की एक्ट का मिसयूज हो रहा है। लोग समाज के लिए नहीं बल्कि अपने निजी स्वार्थ के लिए RTI का इस्तेमाल कर रहे है।
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