वेबसाइट पर मिलेगा देशभर के प्रदूषण से जुड़ा 115 साल का लेखा-जोखा

Nov 08, 2019

वेबसाइट पर मिलेगा देशभर के प्रदूषण से जुड़ा 115 साल का लेखा-जोखा

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर में वायु प्रदूषण की समस्या कब से उत्पन्न हुई, किस तरह बढ़ी, क्यों नहीं इसे शुरू में ही थामने का प्रयास किया गया। इस समस्या पर पूर्व में क्या शोध हुए या इस पर नियंत्रण के क्या एक्शन प्लान बनाए गए? इत्यादि सवालों का जवाब खोजना अब आसान होगा। इसके लिए किसी लाइब्रेरी में जाकर इतिहास की किसी किताब के पन्ने नहीं पलटने होंगे। यह पूरी जानकारी अब बस एक क्लिक पर आपके कंप्यूटर पर मिल जाएगी।

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर)-राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) ने वायु प्रदूषण के एक सदी से अधिक पुराने इतिहास को डिजिटल रूप में समेटा है। ‘इंड एयर’ नाम से ऐसी वेबसाइट तैयार की गई है, जिससे करीब 115 साल के प्रदूषण के आंकड़े और इतिहास की जानकारी हासिल की जा सकती है।

50 लाख से ज्यादा के बजट और अमेरिकन संस्था एन्वायरमेंट डिफेंस फंड (ईडीएफ) के साथ समझौता कर यह वेबसाइट तैयार की गई है। बुधवार को इसे दिल्ली की भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में लांच किया गया। इसे औपचारिक रूप से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के चेयरमैन एसपी सिंह परिहार और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रलय में संयुक्त सचिव निधि खरे ने लांच किया। इसमें 1905 से 2019 तक के वायु प्रदूषण का इतिहास समेटा गया है। इसके प्रारंभिक चरण में 1,215 शोध आलेख, 170 रिपोर्ट, 100 केस, दो हजार स्टेटस सहित इंटरनेट से पूर्व (1950-1999) के समय की भी सात सौ रिपोर्ट स्कैन करके डाली गई हैं।

तीन श्रेणियों में बांटी गई है वेबसाइट : इंड एयर वेबसाइट को मुख्यतया तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में 1905 तक से उपलब्ध प्रदूषण मापक यंत्रों, नियम कायदों और मानकों की की जानकारी दी गई है। दूसरी श्रेणी में विभिन्न पर्यावरण संस्थाओं, शैक्षिक संस्थानों और विशेषज्ञों के द्वारा किए गए अध्ययन की रिपोर्ट डाली गई हैं। तीसरी श्रेणी में पर्यावरण प्रदूषण पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के ऐसे अध्ययन है, जो भुगतान करने पर ही मिल पाते हैं।

1960-70 से 10 गुना कम है मौजूदा प्रदूषण

दिल्ली एनसीआर के पिछले कुछ सालों के प्रदूषण पर देश- विदेश में भले जितनी भी हाय तौबा मची हो, लेकिन यह वेबसाइट बताती है कि 1960 और 1970 के प्रदूषण से मौजूदा प्रदूषण 10 गुना तक कम है। इस पर जानकारी दी गई है कि चैंबूर तो आज से 50 साल पहले ही गैस चैंबर बन गया था। लेकिन, उसके बाद इस दिशा में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए। इसलिए तब की तुलना में आज उतना प्रदूषण नहीं रह गया है।

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