आजम के रसूख से लखनऊ में बना था अब्दुल्ला का प्रमाणपत्र
आजम के रसूख से लखनऊ में बना था अब्दुल्ला का प्रमाणपत्र
आजम के डांटने पर बेहोश होकर गिर गए थे सिटी मजिस्ट्रेट बेटे का फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में जेल गए सांसद आजम खां ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया था। नगर विकास मंत्री रहते हुए आजम खां ने बेटे अब्दुल्ला का जन्म प्रमाणपत्र लखनऊ नगर निगम से भी जारी कराया था। तीस सितंबर 1990 में अब्दुल्ला का जन्म क्वीनमेरी हॉस्पिटल में होना दिखाया गया था, लेकिन हॉस्पिटल ने नौ जनवरी 2015 को उनका डुप्लीकेट बर्थ सर्टीफिकेट जारी किया था। इसमें पुराने जन्म-प्रमाण पत्र का पंजीकरण भी नहीं लिखा गया था। हाई कोर्ट में भी नगर निगम और क्वीनमेरी हॉस्पिटल की तरफ से यह अभिलेख पेश किए गए थे। जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पूर्व मंत्री व सांसद आजम खां की पत्नी डा. तजीन फात्मा ने 17 जनवरी 2015 को नगर स्वास्थ्य अधिकारी को शपथ पत्र दिया था। इसमें बताया गया कि अब्दुल्ला का जन्म लखनऊ के क्वीन मेरी हॉस्पिटल में तीस सितंबर 1990 को हुआ था और उसी आधार पर वह नगर निगम से जन्म प्रमाणपत्र जारी करवाना चाहती हैं। हॉस्पिटल से मिले जन्म प्रमाणपत्र और आजम की पत्नी के शपथ पत्र के आधार पर नगर निगम ने रजिस्ट्रेशन संख्या एनएनएलकेओ बी-2015-292611 पर जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। जबकि मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां का जन्म प्रमाण पत्र रामपुर नगर पालिका परिषद ने 28 जून 2012 मे जारी किया था। तब उनकी जन्मतिथि एक जनवरी 1993 दिखाई गई थी और जन्म स्थान, घेर मीर बाज खां जेल रोड रामपुर दिखाया गया था। इस मामले में पुलिस ने सांसद समेत उनकी पत्नी विधायक और बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। तीनों के खिलाफ अप्रैल 2019 में चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई थी। इसके बाद अदालत ने सुनवाई शुरू की। तब से तीनों कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे थे। मुकदमे की सुनवाई कर रही एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को तीनों के खिलाफ कुर्की वारंट जारी किए थे। बुधवार को कोर्ट जातीं विधायक तजीन फात्मा। पुलिस की जीप में बैठे सांसद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम जागरण रामपुर के साथ लखनऊ के क्वीन मेरी हॉस्पिटल में दिखाया गया था जन्म, नगर विकास मंत्री रहते आजम के रसूख से बना था प्रमाण पत्र मुस्लेमीन, रामपुर वक्त की हर शह गुलाम, वक्त का हर शह पै राज, कौन जाने किस घड़ी वक्त का बदले मिजाज, आदमी को चाहिए वक्त से डर कर रहे. फिल्म वक्त के गाने के ये बोल सपा सांसद आजम खां पर सटीक बैठ रहे हैं। एक दौर था जब आजम के इशारे पर अफसर दौड़ते थे। उनके डांटने पर बेहोश होकर गिर जाते थे। सिटी मजिस्ट्रेट रहे नवाब अली खां भी उनके डांटने पर गेस्ट हाउस में बेहोश हो गए थे। सपा शासनकाल में आजम खां की तूती बोलती थी। बड़े-बड़े अफसर उनसे नजरे मिलाने की हिम्मत नहीं कर पाते थे। 95 पुलिस वाले सुरक्षा में लगे रहते थे। सड़क पर चलते तो लालबत्ती की कारों का लंबा काफिला आगे-पीछे चलता था। उनके एक इशारे पर अफसर कुछ भी करने को तैयार थे। तबेले से उनकी भैसें चोरी हो गईं तो पुलिस अधीक्षक समेत हजार पुलिस वाले कड़ाके की ठंड में रात भर जंगल में भैंसे तलाशने में जुटे रहे थे। प्रशासन में ही नहीं, बल्कि शासन और सपा में भी उनका रुतबा था। चुनाव के दौरान हेलीकॉप्टर उनकी यूनिवर्सिटी में खड़ा रहता था। इसी से प्रचार करने निकलते थे। लेकिन, वक्त बदलने के साथ ही सब कुछ बदल गया। सत्ता हाथ से गई तो एक के बाद एक मुकदमे दर्ज होते गए। पिछले साल लोकसभा चुनाव के पहले और बाद में उन पर अलग-अलग मामलों में 70 मुकदमे दर्ज हुए। इसमें कई में उनके परिजन भी नामजद हैं। बुधवार को आजम खां, पत्नी विधायक डॉ. तजीन फात्मा और बेटे विधायक अब्दुल्ला के साथ कचहरी पहुंचे। अदालत में समर्पण किया। जेल जाने के लिए निकले तो भारी पुलिस फोर्स और अफसर तैनात थे, लेकिन कोई भी उन्हें सलाम करने वाला नहीं था। इमरजेंसी में गए थे जेल आजम खां इमरजेंसी के दौर में भी जेल गए थे। तब 19 महीने जेल में रहे थे। तब वे अकेले थे और अब पत्नी व बेटे के साथ जेल गए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता शौकत अली खां का कहना है कि आजादी के बाद से कोई सांसद सपरिवार आपराधिक मामले में जेल नहीं गया है जबकि उनका बेटा और पत्नी विधायक हैं। आजम पर हैं 70 मुकदमे, 17 मामलों में जमानत के लिए पेश हुए सांसद आजम के खिलाफ अदालतों और थानों में 70 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इनमें 17 मामलों में बुधवार को जमानत के लिए कोर्ट के सामने आजम पेश किए गए। आचार संहिता से जुड़े पांच मामलों में उनकी जमानत अर्जी अदालत ने मंजूर कर दी। आजम के मामलों में स्पेशल काउंसिलिंग के लिए लगाए गए जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व अजय तिवारी ने बताया कि दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में दो मार्च को सुनवाई होगी, जबकि दो मामलों में गुरुवार को सुनवाई होनी है। नौ अन्य मामलों में थाने से रिपोर्ट मांगी गई है।
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