अगस्ता वेस्टलैंड मामला सरकारी गवाह राजीव सक्सेना के विदेश जाने की अनुमति का ED ने विरोध किया, SC ने पूछा, कौन देगा श्योरटी

Jun 26, 2019

अगस्ता वेस्टलैंड मामला सरकारी गवाह राजीव सक्सेना के विदेश जाने की अनुमति का ED ने विरोध किया, SC ने पूछा, कौन देगा श्योरटी

अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सक्सेना से यह पूछा है कि उनके लिए कौन श्योरटी देगा और वो कितनी राशि बतौर सिक्योरिटी जमा कराने को तैयार हैं। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी. आर. गवई की अवकाश पीठ ने मंगलवार को सक्सेना की वकील से कहा कि वो बुधवार को पीठ को ये बताए। हालांकि इस दौरान ईडी की ओर से पेश SG तुषार मेहता ने इसका विरोध किया और कहा कि सक्सेना को दुबई से प्रत्यार्पण कर लाया गया था और उनका भारत में कोई आधार नहीं है। ये मामला सैंकड़ों करोड़ रुपये के घोटाले का है जिसकी जांच अहम मोड़ पर है। ऐसे में सक्सेना के वापस ना लौटने का अंदेशा है। इस पर पीठ ने कहा कि ये आशंका सही भी हो सकती है लेकिन सक्सेना के विदेश जाने के लिए और कड़ी शर्तें लगाई जा सकती हैं। दरअसल अगस्ता वेस्टलैंड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है,

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जिसमें मनी लांड्रिंग के मामले में सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति दी गई थी। दरअसल ईडी की ओर से ASG विक्रमजीत बनर्जी ने सोमवार को अवकाश पीठ के समक्ष इस मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह किया था। राजीव सक्सेना को 25 जून से 24 जुलाई तक यूरोप, ब्रिटेन और दुबई में अपना इलाज कराना है। 10 जून को दिल्ली हाई कोर्ट ने उसे विदेश जाने की अनुमति दे दी थी। 6 जून को हाईकोर्ट ने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति देने के ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई थी। ईडी की याचिका पर कोर्ट ने राजीव सक्सेना को नोटिस जारी किया था। ईडी की ओर से कहा गया था कि इस मामले में जांच अहम मोड़ पर है इसलिए राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति देना जांच को प्रभावित कर सकता है। इससे पहले पिछली 1 जून को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने राजीव सक्सेना को 50 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट बतौर सिक्योरिटी जमा करने का निर्देश दिया था। याचिका में कहा गया था कि उसे अपने इलाज के लिए विदेश जाने की जरूरत है। सुनवाई के दौरान राजीव सक्सेना ने कहा था कि उसे ल्युकेमिया की बीमारी है। उसे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है। दरअसल राजीव सक्सेना को प्रत्यर्पित कर 31 जनवरी को भारत लाया गया था, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी की सुबह ही गिरफ्तार किया था। बाद में कोर्ट की अनुमति से वो सरकारी गवाह बन गया था।

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