अगस्ता वेस्टलैंड मामला सरकारी गवाह राजीव सक्सेना के विदेश जाने पर रोक बरकरार रहेगी, SC ने सक्सेना को AIIMS में जांच कराने को कहा
अगस्ता वेस्टलैंड मामला सरकारी गवाह राजीव सक्सेना के विदेश जाने पर रोक बरकरार रहेगी, SC ने सक्सेना को AIIMS में जांच कराने को कहा
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना अपने इलाज हेतु अभी विदेश नहीं जा पाएंगे, राजीव सक्सेना को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नही मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सक्सेना को कहा है कि वो दिल्ली में एम्स में जाएं जहां मेडिकल बोर्ड उनका परीक्षण करेगा। गुरुवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि सक्सेना अभी मुंबई में उपचार करा रहे हैं और उन्हें दिल्ली में एम्स आना होगा। इसके बाद एम्स इसकी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करेगा। पीठ इस मामले की सुनवाई 26 अगस्त को करेगा। 3 हफ्ते के लिए लगी थी विदेश जाने पर रोक इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनके विदेश जाने पर 3 हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी. आर. गवई की अवकाश पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के विदेश जाने की अनुमति वाले फैसले पर रोक लगाते हुए AIIMS डायरेक्टर को यह निर्देश दिए थे कि वो एक मेडिकल बोर्ड का गठन कर राजीव सक्सेना की स्वास्थ्य जांच कराएं और 3 हफ्ते में ये रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करे। पीठ ने कहा था कि स्वास्थ्य के साथ- साथ इस आशंका का भी ध्यान रखना जरूरी है कि विदेश जाने के बाद सक्सेना वापस नहीं आएगा। सीबीआई ने मामले में पक्षकार बनने की जताई थी इच्छा वहीं ED की ओर से पेश SG तुषार मेहता ने कोर्ट को यह बताया था कि CBI भी इस मामले में पक्षकार बनना चाहती है क्योंकि उसकी जांच में 2 हजार करोड़ का घोटाला सामने आया है। इस संबंध में राजीव सक्सेना का देश में रहना जरूरी है। SG ने किया था सक्सेना को विदेश भेजे जाने का विरोध दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सक्सेना से पूछा था कि उनके लिए कौन श्योरटी देगा और वो कितनी राशि बतौर सिक्योरिटी जमा कराने को तैयार हैं। हालांकि इस दौरान ईडी की ओर से पेश SG तुषार मेहता ने इसका विरोध किया था और कहा कि सक्सेना को दुबई से प्रत्यार्पण कर लाया गया था और उसका भारत में कोई आधार नहीं है।
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ये मामला सैंकड़ों करोड़ रुपये के घोटाले का है जिसकी जांच अहम मोड़ पर है। ऐसे में सक्सेना के विदेश से वापस ना लौटने का अंदेशा है। इस पर पीठ ने कहा था कि ये आशंका सही भी हो सकती है लेकिन सक्सेना के विदेश जाने एवं वापस आने के लिए और कड़ी शर्तें लगाई जा सकती हैं। दिल्ली HC ने दी थी विदेश जाने की अनुमति दरअसल अगस्ता वेस्टलैंड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें मनी लांड्रिंग के मामले में सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति दी गई थी। राजीव सक्सेना को 25 जून से 24 जुलाई तक यूरोप, ब्रिटेन और दुबई में अपना इलाज कराना है। 10 जून को दिल्ली हाई कोर्ट ने उसे विदेश जाने की अनुमति दे दी थी। 6 जून को हाईकोर्ट ने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति देने के ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई थी। ईडी की याचिका पर कोर्ट ने राजीव सक्सेना को नोटिस जारी किया था। ईडी की ओर से यह कहा गया था कि इस मामले में जांच अहम मोड़ पर है इसलिए राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति देना जांच को प्रभावित कर सकता है। बतौर सिक्योरिटी 50 लाख रुपये का FD जमा कराने का था निर्देश इससे पहले बीते 1 जून को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजीव सक्सेना को विदेश जाने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने राजीव सक्सेना को 50 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट बतौर सिक्योरिटी जमा करने का निर्देश दिया था। याचिका में यह कहा गया था कि उसे अपने इलाज के लिए विदेश जाने की जरूरत है। सुनवाई के दौरान राजीव सक्सेना ने कहा कि उसे ल्युकेमिया की बीमारी है। उसे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है।राजीव सक्सेना को प्रत्यर्पित कर 31 जनवरी को भारत लाया गया था जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी की सुबह ही उसे गिरफ्तार किया था। बाद में कोर्ट की अनुमति से वो सरकारी गवाह बन गया था।
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