आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ-साथ स्कूल और मदरसों से भी आई सुपोषण गूंज घर-घर अलख जगाएंगे, पोषण त्यौहार मनाएंगे

Sep 16, 2019

आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ-साथ स्कूल और मदरसों से भी आई सुपोषण गूंज घर-घर अलख जगाएंगे, पोषण त्यौहार मनाएंगे

आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ-साथ स्कूल और मदरसों से भी आई सुपोषण गूंज घर-घर अलख जगाएंगे, पोषण त्यौहार मनाएंग गाजियाबाद, 12 सितंबर, 2019। जनपद के भोजपुर कस्बे स्थित मदरसे से आई सुपोषण गूंज ने राह चल रहे लोगों को रूककर इस आयोजन के बारे में जानने को मजबूर कर दिया। बृहस्पतिवार की सुबह रोजाना की तरह लोग अपने घरों से काम पर जाने के लिए निकले तो मदरसे से बच्चियों की आवाज सुनकर सहसा ही उनके कदम ठहर गए। बच्चियों की आवाज सुनकर मन में आयोजन की जानकारी करने की जिज्ञासा बलवती हुई तो राहगीरों ने बच्चियों की आवाज सुनने के लिए कान लगा दिए। बच्चियां नारे लगा रही थीं। सही पोषण, देश रोशन। छह माह तक स्तनपान, स्वस्थ शिशु का वरदान। तन को तुम बलवान बनाओ, रोज घर का खाना खाओ। दरअसल बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय पोषण माह के तहत जनपद के सभी स्कूलों, मदरसों और आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण गूंज का आयोजन किया गया। सुपोषण गूंज में किशोरियों को शामिल किया गया था। जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वार्ष्णेय ने बताया कि पोषण माह के 12वें दिन बृहस्पतिवार को जनपद के सभी परिषदीय स्कूलों, मदरसों और आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण गूंज का आयोजन किया गया। इस आयोजन के दौरान किशोरियों ने पोषण रैली निकाली। पोषण रैली आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों और मदरसों के आसपास के मोहल्ले में निकाली गईं। इस ‌दौरान किशोरियां पोषण को लेकर तैयार किए गए स्लोगन और नारे लिखीं तख्तियां हाथ में लिए हुए थीं और जोर-जोर से इन नारों को दोहरा भी रही थीं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर किशोरियों को सही पोषण के संबंध में जानकारी भी दी। इतना ही नहीं आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूल की पोषण वाटिकाओं में पपीते के पौधे भी लगाए गए। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किशोरियों को इस बात की जानकारी भी दी कि पपीते का सेवन कितना स्वास्थ्यवर्धक होता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वार्ष्णेय ने बताया कि सुपोषण गूंज के मौके पर किशोरियों को व्यक्तिगत साफ-सफाई और हाईजीन के बारे में भी जानकारी दी गई। किशोरियों को बताया गया कि माहवारी के दौरान कैसे वे अपने अपने का साफ रखें ताकि संक्रमण उनसे कोसों दूर रहे। इस मौके पर किशोरियों को सेनेटरी नेपकिन भी वितरित किए गए और उनके इस्तेमाल का सही तरीका भी बताया गया। किशोरियों को सलाह दी गई कि हर छह घंटे बाद नेपकिन बदलें और कभी भी गंदे कपड़े का प्रयोग करने से बचें।

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