बोरवेल मिलने पे फैक्ट्री होगी सील

Jul 12, 2019

बोरवेल मिलने पे फैक्ट्री होगी सील

अंधाधुंध जलदोहन पर एनजीटी सख्त, जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में 27 हजार से अधिक हैं इकाइयां

शाहनवाज अली गाजियाबाद

गाजियाबाद प्रदेश का दूसरा ऐसा जिला है, जिसके भू-जल स्तर में सर्वाधिक गिरावट दर्ज की गई है। जिले के औद्योगिक क्षेत्र में करीब 27 हजार उद्योग संचालित हैं, जिनमें से अधिकांश में अवैध रूप अंधाधुंध जलदोहन हो रहा है। दिनोंदिन घट रहे भूजल जलस्तर को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इन इकाइयों को 30 सितंबर तक जलदोहन की वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है। उसके बाद बोरवेल मिलने पर इकाइयां सील कर दी जाएंगी।

सर्वे की भयावह रिपोर्ट के बाद औद्योगिक इकाइयों में किए जा रहे जलदोहन को देखते हुए सख्त कदम उठाया जा रहा है।

कार्रवाई हुई तो लटकेंगे अधिकांश पर ताले : एनजीटी की ओर से दिए गए अल्टीमेटम के बाद अगर फैक्ट्रियों ने बोरवेल बंद करने के साथ इसे प्रमाणित नहीं किया तो अधिकांश उद्योगों पर ताला लटकना तय है। पेयजल की समस्या को लेकर उद्योग संगठन अपनी ओर से सफाई पेश कर रही है, लेकिन इस बार अभी तक उन्हें इस मामले में कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। हालांकि पेयजल को लेकर शासन की ओर से 24 जून को प्रमुख सचिव ने लखनऊ में नगर निगम, जिला उद्योग केंद्र व उद्योग संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक ली थी, जिसमें पेयजल को लेकर योजना बनाने के नगर निगम को निर्देश दिए हैं।

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यूपीएसआइडीसी की पहल : यूपीएसआइडीसी ने भूजल बढ़ाने के लिए प्लान तैयार किया है। इस योजना के तहत औद्योगिक भूखंडों का सर्वे कराया जा रहा है, जिसमें देखा जा रहा है कि इन पर लगी इकाइयों में वाटर हार्वेच्स्टग सिस्टम लगे हैं या नहीं। ऐसा न होने पर इन्हें वाटर हार्वेच्स्टग सिस्टम बनवाने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। ताकि बरसात का पानी वापस भूगर्भ में जाकर जलस्तर को बढ़ाने में सहायक हो। उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल विभाग के मुताबिक जिले में सालाना 29233.06 हेक्टयर मीटर भूजल रिचार्ज होता है। उससे ज्यादा 31251.26 हेक्टयर मीटर भूजल निकाला जा रहा है। यानी रिचार्ज कम हो रहा है और भूजल दोहन ज्यादा किया जा रहा है। इसका नतीजा है कि भूजल स्तर में वार्षिक 79 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज हो रही है।

जासं, गाजियाबाद : गिरते हुए भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री के जल शक्ति अभियान के तहत प्रशासन विभिन्न कार्यक्रम चला रहा है। मुरादनगर ब्लाक के बंदीपुर गांव पंचायत में ग्राम सचिवों का रेन वाटर हार्वेच्स्टग के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में ग्राम सचिवों को जल संरक्षण के संबंध में जानकारियां दी गई। जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया जल संरक्षण को लेकर प्रशासन द्वारा लगातार गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। गांव बंदीपुर में कार्यक्रम जिला विकास अधिकारी बीसी त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। विकास विभाग के अधिकारी गांव के तालाबों का शुद्धीकरण व रेन वाटर हार्वेच्स्टग समेत अन्य कई योजनाओं पर काम कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को बंदीपुर ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवों का रेन वाटर हार्वेच्स्टग के संबंध में प्रशिक्षण हुआ। यहां सभी ग्राम सचिवों को रेनवाटर हार्वेच्स्टग की व्यवहारिक जानकारी उपलब्ध कराई गई। क्षेत्र में मानकों के अनुसार रेनवाटर हार्वेच्स्टग की स्थापना करा सकें और भूजल स्तर को बढ़ाया जा सके।

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