मांगों को लेकर श्रम प्रवर्तन अधिकारियों का सामूहिक कार्य बहिष्कार

Aug 17, 2019

मांगों को लेकर श्रम प्रवर्तन अधिकारियों का सामूहिक कार्य बहिष्कार

अपनी तीन सूत्री लंबित मांगों को लेकर प्रदेश के तकरीबन 300 श्रम प्रवर्तन अधिकारियों ने शुक्रवार को सामूहिक कार्य बहिष्कार किया। इससे सभी जिलों में श्रम विभाग का कार्य प्रभावित रहा। यह कार्य बहिष्कार श्रम प्रवर्तन अधिकारी एसोसिएशन उप्र के आह्वान पर हुआ। एसोसिएशन के महामंत्री यशवंत कुमार ने बताया कि प्रदेश के 33 जिलों में जिला स्तरीय अधिकारी/सहायक श्रमायुक्त के पद सृजित नहीं हैं। इनमें कई बड़े जिले भी शामिल हैं। पद न होने से जनसामान्य व श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण नहीं हो पा रहा है। उनके वाद भी लंबित हैं। ऐसी स्थिति में समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि श्रम प्रवर्तन अधिकारियों का कार्यक्षेत्र सेक्टर के आधार पर प्रदेश स्तर पर अधिसूचित है लेकिन उसका आवंटन नियुक्ति अधिकारी यानी श्रमायुक्त द्वारा न कर क्षेत्रीय उप श्रमायुक्त स्तर से किया जा रहा है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। एसोसिएशन ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि भवन एवं अन्य सह निर्माण कर्मकार बोर्ड ( बीओसीडब्लू) एक निगमित इकाई होते हुए भी श्रमायुक्त को जानकारी दिए बगैर श्रम अधिकारियों से काम ले रहा है। इससे अधिकारियों में आक्रोश है। एसोसिएशन ने बीओसीडब्लू बोर्ड का कार्य प्रतिनियुक्ति के आधार पर कराने की मांग भी की है।

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