टैक्स वसूली रोकने के आदेश पर कोर्ट की रोक

Mar 21, 2020

टैक्स वसूली रोकने के आदेश पर कोर्ट की रोक

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल और इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें दोनों ने बैंकों, वित्तीय संस्थानों, आयकर विभाग और जीएसटी जैसे प्राधिकरणों से कोरोना के चलते वसूली प्रक्रिया और दंडात्मक कार्यवाही छह अप्रैल तक रोकने को कहा था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की सुनवाई पर भी अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने रोक के आदेश में केंद्र सरकार का बयान भी दर्ज किया है जिसमें केंद्र की ओर कहा गया था कि सरकार हालात को लेकर सजग है और उचित तंत्र बनाया जाएगा, ताकि लोगों को परेशानी न हो। ये आदेश न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए। इससे पहले केंद्र की याचिका पर बहस करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस तरह ब्लैंकेट ऑर्डर नहीं दिए जा सकते और केरल हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। मेहता ने कहा कि करों की वसूली पर रोक से सरकार के हित प्रभावित होंगे क्योंकि 31 मार्च को वित्त वर्ष का अंत हो रहा है। कहा कि टैक्स का भुगतान ऑनलाइन भी हो सकता है। उच्च न्यायालयों को इस तरह टैक्स के भुगतान पर रोक लगाने वाले आदेश नहीं देने चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग करों का भुगतान करना चाहते हैं वे भी उच्च न्यायालय के आदेश के कारण ऐसा नहीं करेंगे। उच्च न्यायालयों ने अपने क्षेत्रधिकार का अतिक्रमण किया है और सरकार के नीतिगत मामले में दखल दिया है। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद केरल और इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया। इसके साथ ही कोर्ट ने उच्च न्यायालयों द्वारा एकपक्षीय सुनवाई में जारी किये गए रोक आदेश भी स्थगित कर दिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से दिए बयान को देखते हुए हाईकोर्ट में लंबित सुनवाई पर भी रोक जारी रहेगी।

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