डी.एम. ने यौन उत्पीड़न के मामलों को संभालने के लिए अधिकारी की नियुक्ति की

May 10, 2019

डी.एम. ने यौन उत्पीड़न के मामलों को संभालने के लिए अधिकारी की नियुक्ति की

कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, जिला मजिस्ट्रेट बी.एन.सिंह ने कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए जेवर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट गुंजा सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। जिला मजिस्ट्रेट बी. एन. सिंह ने कहा, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी है। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, अधिनियम का कार्यान्वयन बहुत महत्वपूर्ण है और 2013 के अधिनियम के उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए नोडल अधिकारी को नियुक्त किया गया है। बी. एन. सिंह ने कहा कि पहले एक अनुपालन समिति ऐसे मामलों को देखती थी जो डी. एम. वॉर रूम को रिपोर्ट करते थे। नव नियुक्त नोडल अधिकारी गुंजा सिंह ने कहा, मुझे सरकारी संस्थानों या निजी संस्थानों से यौन उत्पीड़न के मामलों को उठाने के लिए गौतमबुद्धनगर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इससे पहले मैं कलेक्ट्रेट कार्यालय में तीन सदस्यीय अनुपालन समिति की प्रमुख थी. और जागरूकता अभियान भी चलाती थी। समिति के अन्य दो सदस्य जिला प्रोबेशन अधिकारी (डी.पी.ओ.) और एक एनजीओ की महिला सदस्य हैं। "

 यह भी पढ़े-

क्या बंगाल से जायेगा तृणमूल कांग्रेस का राज? हिंसा से सना है इस बार का चुनाव जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/will-trinamool-congress-rule-from-bengal-violence-is-the-choice-of-this-time
 
डी.पी.ओ. ए. सोनी के अनुसार, यह अनुपालन समिति पिछले साल नवंबर में बनाई गई थी और उसे महिला आयोग से एक शिकायत प्राप्त हुई थी। उन्होंने कहा, 'हमने इस साल फरवरी में जांच और रिपोर्ट पेश की थी। यह एक निजी संस्थान में यौन उत्पीड़न से संबंधित था। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी गुंजा सिंह कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच करेंगी। अन्य जिला अधिकारियों ने भी 2013 अधिनियम के सख्त कार्यान्वयन का आह्वान किया। उप श्रमायुक्त (डी.एल.सी.) पी.के. सिंह ने उद्योगों और संस्थानों से अपने कर्मचारियों को कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न से निपटने के लिए अधिनियम के तहत गठित आंतरिक समिति के गठन के बारे में सूचित करने की अपील की। उन्होंने कहा,प्रत्येक संगठन को एक आंतरिक शिकायत समिति की आवश्यकता होती है। समिति के पीठासीन अधिकारी को वरिष्ठ स्तर पर कार्यरत महिला होना चाहिए।

 यह भी पढ़े-

किसी भी पार्टी के मैनिफेस्टो में फौजियों के बारे में कुछ भी नहीं लिखा है: मृणालिनी सिंह जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/about-the-troops-of-any-partys-manifesto-nothing-written-in-mrinalini-singh

समिति की कुल सदस्यों में से कम से कम आधी महिलाएँ होंगी। एक बार जब वे समिति को सूचित करते हैं तो हमारे निरीक्षक इसे सत्यापित करते हैं। आज मैंने सभी उद्योगों, संस्थानों को अपनी आंतरिक समिति के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया है। इसी तरह की तर्ज पर जिले में संचालित कॉलेज के लिए भी अपील जारी की गई है। स्वायत्त प्रबंधन संस्थानों के कंसोर्टियम के अध्यक्ष डॉ. डी. के. गर्ग ने कहा, "एसोसिएशन ने कॉलेजों से यौन उत्पीड़न को रोकने और वरिष्ठ अधिकारी की प्रति नियुक्ति करने और महिला शिक्षकों और महिला छात्रों को शामिल करने की अपील की है।" लघु उद्योग भारती के एक प्रतिनिधि अश्विनी महिंद्रा ने कहा, ह्लउद्योगों को संगठन में महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्य स्थान सुनिश्चित करना चाहिए। आंतरिक समितियां कर्मचारी के खिलाफ शिकायत ले सकती हैं यदि कंपनी के साथ यौन उत्पीड़न उनके रोजगार के दौरान हुआ हो, तो उनके रोजगार से पहले अतीत के मामलों को आंतरिक समिति द्वारा नहीं लिया जा सकता है।

 यह भी पढ़े-

रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन अपने सदस्यों की तरफ से क्रियाशील लेनदार की तरह कर सकती है दिवालियापन घोषित करने की याचिका-सुप्रीम कोर्ट निर्णय  जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/registered-trade-union-can-act-on-behalf-of-its-members-like-working-creditor-petition-to-declare-bankruptcy-supreme-court-decision

आपकी राय !

Gujaraat में अबकी बार किसकी सरकार?

मौसम