मकान मालिक के बीच विवाद का निपटारा 60 दिन के भीतर

Jul 12, 2019

मकान मालिक के बीच विवाद का निपटारा 60 दिन के भीतर

नई दिल्ली, आइएएनएस/ प्रेट्र : अब किरायेदार और मकान मालिक के बीच विवाद का निपटारा 60 दिन के भीतर हो जाएगा। इसके लिए राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां स्पेशल रेंट कोर्ट या रेंट टिब्यूनल स्थापित करेंगे। ऐसे में किरायेदार और मकान मालिक के बीच का विवाद सिविल कोर्ट नहीं जाएगा, जहां वर्षो तक मामला चलता रहता है।

केंद्र सरकार के नए कानून के प्रस्ताव से माना जा रहा है कि इस कानून से मकान मालिकों के साथ-साथ किरायेदारों के हितों की भी रक्षा होगी। मकान मालिक अपने खाली फ्लैट या मकान किराये पर देने से नहीं डरेंगे। बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2019 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए इस संबंध में नए कानून की घोषणा की थी।

मकान खाली नहीं करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान: केंद्र के नए कानून के प्रस्ताव के मुताबिक मकान मालिक या भू-स्वामी किराये की समीक्षा करने से पहले तीन महीने का लिखित नोटिस देगा। प्रस्तावित कानून जिला कलेक्टर को किराया प्राधिकार के तौर पर नियुक्त करने और निर्धारित समय सीमा से अधिक वक्त तक रहने पर भारी जुर्माना लगाने की भी हिमायत करता है। इसके मुताबिक यदि किरायेदार निर्धारित समय सीमा से अधिक वक्त तक रहता है तो उसे दो महीने तक दोगुना और उसके बाद चार गुना किराया देना होगा। किरायेदार द्वारा अग्रिम राशि के तौर पर मकान मालिक के पास जमा की जाने वाली राशि अधिकतम दो महीने के किराये के बराबर होगी।

मॉडल टेनेंसी एक्ट, 2019 का मसौदा जारी: केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रलय ने परामर्श के लिए ह्यद मॉडल टेनेंसी एक्ट 2019ह्ण का मसौदा सार्वजनिक किया है। इसमें कहा गया है कि मकान मालिक और किरायेदार को किरायानामा (रेंट एग्रीमेंट) की एक प्रति जिला किराया प्राधिकरण में देनी होगी, जिसके पास भू-स्वामी या किरायेदार के अनुरोध पर किराये की समीक्षा करने या उसे तय करने की शक्तियां होंगी। भूमि के ह्यराज्य सूचीह्ण का विषय होने के चलते इस कानून को स्वीकार करने के लिए राज्य स्वतंत्र होंगे। हालांकि, राज्यों को स्पेशल रेंट कोर्ट या रेंट टिब्यूनल गठित करने की जरूरत होगी।

एक करोड़ से ज्यादा घर खाली: मंत्रलय ने बाद में एक बयान जारी कर बताया कि 2011 के आंकड़ों के मुताबिक देशभर में करीब 1.10 करोड़ घर या फ्लैट खाली पड़े हैं। नया कानून बनने से मकान मालिक उन घरों को किराये पर उठाने के लिए आगे आएंगे और इस प्रकार सरकार का 2022 तक सबको घर का सपना पूरा हो सकेगा।

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