घरेलू उद्योगों के लिए जरूरी नहीं होगी डीपीसीसी की मंजूरी
घरेलू उद्योगों के लिए जरूरी नहीं होगी डीपीसीसी की मंजूरी
दिल्ली में घरेलू उद्योगों के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) व श्रम और उद्योग विभाग की अनुमति की जरूरत नहीं होगी। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने जन सुनवाई के बाद आवासीय क्षेत्रों में घरेलू औद्योगिक इकाइयों को राहत देने के लिए संशोधन का रास्ता साफ कर दिया है। संशोधन का सबसे अधिक लाभ घरेलू उद्योगों को मिलेगा। पहले इन घरेलू उद्योगों को शुरू करने के लिए यह लंबी कागजी प्रक्रियाएं पूरी करनी पड़ती थीं जिससे काफी परेशानी होती थी। डीडीए के सदस्य व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि डीडीए का यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत उठाए गए कदमों का हिस्सा है। इस फैसले के घरेलू औद्योगिक इकाइयों को लाल फीताशाही से मुक्ति मिल जाएगी। गुप्ता ने कहा कि इससे पूर्व घरेलू उद्योग के लिए ही डीडीए ने कर्मचारियों की संख्या को पांच से नौ किया था। वहीं, बिजली कनेक्शन के लिए भी 11 किलोवॉट की सीमा तय की गई थी। घरेलू उद्योगों के तहत 112 व्यवसायों को सूचीबद्ध किया गया है। हालांकि, प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयों को घरेलू उद्योग के रूप में अनुमति नहीं दी जाएगी।
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