डॉ. महेश शर्मा एवं जनरल वी.के. सिंह को फिर मिला जनता का विश्वास

Apr 06, 2019

गाजियाबाद

डाॅली शर्मा

कांग्रेसी की युवा प्रत्याशी डाॅली शर्मा ने एमबीए किया हुआ है और उनका आॅनलाइन का कारोबार है। काफी समय से सामाजिक कार्य करने के साथ ही सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़ी हैं। 2017 में निकाय चुनाव में महापौर का चुनाव लड़कर उन्होंने काफी सुर्खियां बंटोरी थी। उनके पिता नरेन्द्र भारद्वाज पुराने कांग्रेसी हैं। मगर वर्तमान सर्वे में कांग्रेस तीसरे स्थान पर आ रही हैं।

सुरेश बसंल

सुरेश बसंल गाजियाबाद की राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं। 2012 में बसपा की टिकट पर गाजियाबाद से विधानसभा पहुंचे थे। मगर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के अतुल गर्ग से हार गए थे। गाजियाबाद सीट सपा के खाते में आने पर बसपा ने उन्हें सुरेन्द्र मुन्नी का टिकट काटकर सपा ज्वाइंन करवाई है। अब वे सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। सर्वे में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन दूसरे स्थान पर आ रहा है।

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गौतमबुद्धनगर

सतवीर नागर

गौतमबुद्धनगर सीट से सतवीर नागर सपा-बसपा-रालोद गठबंधन से उम्मीदवार हैं। मायावती ने गुर्जर प्रत्याशी को उतारकर इस सीट पर एक बड़ा दांव खेला है। बसपा ने पहले वीरेन्द्र ढाढा और संजय भाटी का टिकट
काटकर सतवीर नागर को उम्मीदवार बनाया है। जिससे कार्यकर्ताओं की नाराजगी का भी सामना उनको करना पड़ेगा। सर्वे में उनका स्थान दूसरे नंबर पर है।

डाॅ.अरविन्द सिंह चैहान

गौतमबुद्धनगर सीट से डाॅ. अरविन्द सिंह चैहान कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। वे भाजपा एमएलसी जयवीर सिंह के बेटे हैं। उनके पिता ने उनसे सिर्फ इसलिए रिश्ता तोड़ दिया है। क्योंकि कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया है। अभी वे राजनीति के इतने मंझे हुए खिलाड़ी नहीं हैं और उनको महेश शर्मा जैसे कद्दावर नेता से मुकाबले में काफी मेहनत करनी पड़ेगी। सर्वे में उनका स्थान तीसरे नंबर पर है।

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