ई-कॉमर्स कंपनियों को नहीं मिली गैरजरूरी वस्तुएं बेचने की इजाजत

Apr 20, 2020

ई-कॉमर्स कंपनियों को नहीं मिली गैरजरूरी वस्तुएं बेचने की इजाजत

अब तीन मई के बाद ही फोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीदारी संभव हो सकेगी। केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से गैर जरूरी वस्तुओं की सप्लाई की इजाजत नहीं दी है। हालांकि महाराष्ट्र एवं राजस्थान ने ई-कॉमर्स कंपनियों को गैर जरूरी चीजों की डिलीवरी की इजाजत दे दी है। 25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ई-कॉमर्स कंपनियां सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी के ऑर्डर ले रही हैं। 15 अप्रैल को गृह मंत्रलय के निर्देश के बाद बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां 20 अप्रैल के बाद से डिलीवरी देने के लिए मोबाइल फोन के ऑर्डर लेने लगी थीं। इन कंपनियों ने बताया कि सिर्फ पिछले 24 घंटों में हजारों की संख्या में मोबाइल फोन के ऑर्डर मिल गए थे। इससे जाहिर होता है कि लॉकडाउन में लोगों के बीच मोबाइल फोन की कितनी भारी मांग है। माना जा रहा है कि छोटे रिटेल स्टोर के विरोध के कारण सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों को हर प्रकार की वस्तुओं की डिलीवरी की छूट नहीं दे पाई। ई-कॉमर्स कंपनियों के मुताबिक उनकी तरफ से डिलीवरी बॉय को फिजिकल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए वस्तुओं की डिलीवरी देने के प्रशिक्षण तक दिए जा रहे थे। सभी कर्मचारियों को मास्क, दस्ताना, चश्मा जैसी चीजें उपलब्ध कराई जा रही थीं। सोमवार से कोरोना मुक्त एवं ग्रामीण इलाकों में सीमित उत्पादन एवं अन्य कारोबार की अनुमति दी गई है। गृह मंत्रलय की तरफ से 16 तारीख को जारी निर्देशों के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियां 20 अप्रैल से जरूरी और गैरजरूरी सभी वस्तुओं की डिलीवरी कर सकती थीं। फिलहाल इन कंपनियों को जरूरी वस्तुओं की सप्लाई की अनुमति है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की अनुमति देने से छोटे दुकानदारों को बराबर मौका मिलेगा। ग्राहकों के लिए निराशाजनक फैसला सभी वस्तुओं की बिक्री की अनुमति नहीं देने को बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इंडिया ने ग्राहकों के लिए निराशाजनक बताया है। कंपनी ने कहा कि घर से काम करने और घर पर रहकर पढ़ाई करने वाले ग्राहकों के लिए इस समय जरूरी वस्तुओं की परिभाषा बदल गई है। यहां तक कि छोटे कारोबारियों और मैन्यूफैक्चर्स की जरूरतें भी बदली हैं। मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसी चीजें लोगों की जरूरत हैं। सरकार की ओर से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये सभी वस्तुएं मिलने की उम्मीद से ग्राहकों में खुशी थी, जो निराशा में बदल गई है। हालांकि कंपनी ने कहा कि वह निर्देशों का पूरा पालन करेगी और आवश्यक वस्तुओं की ही आपूर्ति करेगी। एक अन्य ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील ने भी सरकार के निर्देशों का पालन करने की बात कही है। इस बीच, रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार से पड़ोस की दुकानों समेत सभी तरह के रिटेलर्स को होम डिलीवरी की अनुमति देने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि इससे लोगों तक जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी हो सकेगी और फिजिकल डिस्टेंसिंग के प्रावधानों का पालन भी सुनिश्चित हो सकेगा। ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए एसओपी तैयार अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों में फिजिकल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराना और स्टाफ द्वारा अनिवार्य रूप से आरोग्य सेतु एप डाउनलोड की जिम्मेदारी उनके चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) की होगी। इन कंपनियों के लिए सरकार की ओर से तैयार स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के मसौदे में यह बात सामने आई है। स्थानीय कारखानों में यह जिम्मेदारी मैनेजर या उसके समकक्ष अधिकारी की रहेगी।

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