कक्षा छह से आठ के बच्चों के लिए लगेगी ई-पाठशाला

Apr 24, 2020

कक्षा छह से आठ के बच्चों के लिए लगेगी ई-पाठशाला

लॉकडाउन के दौरान बच्चों की शिक्षा को प्रभावित होने से बचाने और उन्हें व्यस्त रखने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उच्च प्राथमिक शिक्षा (कक्षा छह से कक्षा आठ तक) का वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया है।

इस शिक्षा सत्र का मकसद बच्चों को रोचक तरीके से किताबों से परे जाकर सिखाना है। बच्चों को चार भाषाओं में अंग्रेजी, उर्दू और संस्कृत से संबंधित वैकल्पिक शिक्षा दी जाएगी। उन्हें ई-पाठशाला में चैप्टरवार विषय सामग्री ई-लिंक के जरिये उपलब्ध कराई जाएगी। पढ़ाई की यह विषय सामग्री भारत सरकार के एलआरओईआर और दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध होगी।

एक आधिकारिक बयान में गुरुवार को बताया गया कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा के लिए एक वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर तैयार किया है। इससे पहले, 16 अप्रैल को प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए यह कैलेंडर तैयार किया था। केंद्रीय मंत्री निशंक ने कैलेंडर को लांच करते हुए बताया कि बहुत जल्द कक्षा नौ से बारह और उसके विषयों को भी इस कैलेंडर में शामिल किया जाएगा। इस कैलेंडर में चार हफ्ते का साप्ताहिक प्लान है। इसकी अवधि को आवश्यकता पड़ने पर आगे बढ़ाया भी जा सकता है।

उन्होंने बताया कि इसका मकसद बच्चों को कक्षावार और विषयवार सीखने के प्रतिफल से जोड़ना है। इसमें बच्चों के पाठ्यक्रम या कोर्स की किताबों से लिए गए विषयों को रोचक और तरीके से बताया जाएगा। साथ ही इसके लिए बच्चों से चुनौतीपूर्ण गतिविधियां भी करवाई जाएंगी। इस कैलेंडर में प्रयोगात्मक शैक्षिक गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। इसमें कलात्मक शिक्षा से लेकर कसरत, योग और प्री-वोकेशनल स्किल सिखाए जाएंगे। इल कैलेंडर में बच्चों को कक्षा के अनुरूप शिक्षा चार्ट के फॉरमेट में दी जाएगी। ताकि वह उसे बेहतर और तुलनात्मक रूप से समझ सकें।

केंद्रीय मंत्री पोखरियाल के अनुसार इस कैलेंडर में शिक्षकों को भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि वह किस तरह से लॉकडाउन की अवधि में विभिन्न तकनीकों और सोशल मीडिया का उपयोग करके अपने घरों में रह रहे बच्चों को रोचक तरीके से शिक्षित करें। शिक्षा के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल अध्यापकों के अलावा अपने घर पर ही माता-पिता और बच्चे खुद भी कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों के पास संभवत: मोबाइल पर इंटरनेट की सुविधा न हो। ऐसी परिस्थिति में अध्यापकों को यह भी दिशा-निर्देश दिया गए हैं कि वह किस तरह से बच्चों और उनके अभिभावकों से संपर्क करके उन्हें मोबाइल फोन पर एसएमएस करके या फोन कॉल करके गाइड कर सकते हैं। कलात्मक शिक्षा से लेकर कसरत, योग और प्री-वोकेशनल स्किल सिखाए जाएंगे बहुत जल्द कक्षा नौ से बारह और उसके विषयों को भी इस कैलेंडर में शामिल किया जाएगा |

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