इलाज की शर्तें बदलने पर ईएसआईसी को फटकार
इलाज की शर्तें बदलने पर ईएसआईसी को फटकार
देशभर के स्वास्थ्य बीमाधारक कर्मचारियों के इलाज के लिए बीमा के नियम बदलने पर राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआईसी) को हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआईसी) ने देशभर के स्वास्थ्य बीमाधारक कर्मचारियों व उनके अश्रितों को इलाज मुहैया कराने के नियमों में बदलाव किया है। नए नियम के तहत दो वर्ष से कम की नौकरी में कर्मचारियों और आश्रितों को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इलाज नहीं मिलेगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य कर्मचारी बीमा निगम को आड़े हाथ लिया है।
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जस्टिस मनमोहन ने ईएसआईसी से साफ शब्दों में ईएसआईसी के वकील से कहा कि वह अगली सुनवाई पर यह स्पष्ट करे कि सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इलाज के नए नियमों को वापस ले रहे हैं या नहीं। जस्टिस मनमोहन ने मौखिक तौर पर कहा कि यदि आप इसे वापस नहीं लेते तो हम इसे रद्द कर सकते हैं, क्योंकि यह न तो तार्किक है और न ही उचित। हाईकोर्ट ने यह आदेश गंभीर बीमारियों से पीड़ित 14 कर्मियों के बच्चों की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल द्वारा दाखिल याचिका पर दिया है। शर्ते थोपना अनुचित: हाईकोर्ट ने यह आदेश तब दिया, जब याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि यदि कोई भी मरीज सरकारी अस्पताल में जाता है तो अस्पताल इलाज करने से मना नहीं करता। इसी तरह ईएसआईसी भी राज्य सरकार की जिम्मेदारियों का पालन कर रही है, एसे में इस तरह की शर्तें थोपना अनुचित है। क्योंकि इससे मरीजों को परेशानी होती है। उन्होंने हाईकोर्ट से इन शर्तों को रद्द करने की मांग की है।
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