उम्मीद / छोटे कर्जधारकों के लोन माफी की योजना लेकिन, कुल कर्ज 35 हजार रु से ज्यादा न हो

Aug 20, 2019

उम्मीद /    छोटे कर्जधारकों के लोन माफी की योजना लेकिन, कुल कर्ज 35 हजार रु से ज्यादा न हो

छोटे कर्ज के तले दबे लोगों को केंद्र सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। इसके तहत इन लोगों को नए सिरे से शुरुआत करने का अवसर प्रदान करने के लिए सरकार इनके लोन माफ कर सकती है। यह सब इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के फ्रेश स्टार्ट प्रावधानों के तहत किया जा सकता है। इसको लेकर योजना तैयार हो रही है। इसकी शर्तें भी होंगी। लाभार्थी पर कर्ज की कुल राशि 35 हजार रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
 
कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि आर्थिक रूप से गरीब वर्ग के लोगों को कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए लोन माफी की योजना बनाई जा रही है। इसके स्वरूप को लेकर माइक्रो फाइनेंस इंडस्ट्री से बातचीत चल रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह लोन माफी व्यक्तिगत दिवालियापन से जुड़े मामलों में दी जाएगी जोकि आर्थिक रूप से गरीब लोगों को सबसे ज्यादा व्यथित करती है।

5 साल में सिर्फ एक बार ही मिलेगा लोन माफी का लाभ

श्रीनिवास ने बताया नए सिरे से शुरुआत के तहत एक बार लोन माफी योजना का लाभ ले लिया तो अगले पांच साल तक इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि हम माइक्रो फाइनेंस इंडस्ट्री संतुष्टि और सुरक्षा के सभी उपायों पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना को लागू करने के लिए तीन से चार साल में सरकार पर 10 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा।

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माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री की चिंताओं का ख्याल रखने का दावा

श्रीनिवास के मुताबिक मंत्रालय ने माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री से इस बारे में बात की है और इस घोषणा में उनकी चिंताओं का पूरा ध्यान रखा गया है। उन्होंने बताया कि इसमें योग्यता के आधार पर छोटे और मुश्किल में पड़े कर्जधारकों को राहत देना है। योग्यता की शर्तों पर माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री के साथ विस्तृत चर्चा की गई थी। आईबीसी प्रावधानों के तहत कॉरपोरेट डेट को लेकर पर्सनल गारंटर के बारे में निर्देश जल्द आएंगे। पार्टनरशिप और प्रोपराइटरशिप के बारे में दिशानिर्देश इसके बाद आएंगे।

आईबीसी के फ्रेश स्टार्ट के तहत कई प्रकार के प्रावधान हैं। इसके तहत लोन माफी योजना के लाभार्थी की वार्षिक औसत आय 60000 रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। कर्जदार के एसेट्स की सकल वैल्यू 20 हजार रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा लाभार्थी पर कर्ज की कुल राशि 35 हजार रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। लाभार्थी के पास अपना घर भी नहीं होना चाहिए।

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