गुमनाम कंपनियों से तैयार कराए GDP के आंकड़े?, NSSO ने उठाए सवाल

May 09, 2019

गुमनाम कंपनियों से तैयार कराए GDP के आंकड़े?, NSSO ने उठाए सवाल

बीते कई महीनों से भारत के जीडीपी आंकड़ों को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. हाल ही में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने जीडीपी आंकड़े को लेकर संदेह जताया था. अब नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) ने इन आंकड़ों पर सवाल खड़े किए हैं.

मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक NSSO ने जुलाई 2016 से जून 2017 तक एक स्‍टडी की है. इस स्‍टडी में पाया गया कि मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के MCA-21 डेटाबेस की 36 फीसदी कंपनियों का कोई अता-पता नहीं है. यहां बता दें कि MCA-21 डेटाबेस की कंपनियां वो हैं, जिनका उपयोग जीडीपी की गणना के लिए किया जाता है.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी मामलों के मंत्रालय ने इन गुमनाम कंपनियों को ह्यसक्रिय कंपनीह्ण की श्रेणी में रखा था. इस श्रेणी में उन कंपनियों को रखा जाता है, जिन्होंने पिछले 3 सालों में कम-से-कम एक बार रिटर्न दाखिल किया हो.  मुंबई के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च के प्रोफेसर आर. नागराज ने मिंट को बताया कि दुनियाभर में भरोसेमंद संस्‍था केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) के लिए यह एक बड़ा झटका है.

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बता दें कि 2015 में शुरू की गई नई जीडीपी सीरीज में प्रमुख बदलाव एमसीए -21 का उपयोग था. इसे सीएसओ ने मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स यानी MCA से हासिल किया. इस मुद्दे पर सवाल खड़े करते हुए पूर्व NSSO चीफ पीसी मोहनन ने कहा था कि MCA-21 डाटाबेस की कोई जांच नहीं हुई है, जो कि जरूरी था. पीसी मोहनन वही शख्‍स हैं जिन्‍होंने ने NSSO जॉब रिपोर्ट दबाने के मुद्दे पर दिसंबर 2018 में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) से इस्तीफा दे दिया था.

2015 में जीडीपी का बेस ईयर हुआ संशोधित

साल 2015 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने GDP का बेस ईयर संशोधित किया था. बेस ईयर को 2004-2005 से बढ़ाकर 2011-2012 कर दिया गया था. साल 2011-2012 को आधार बनाकर ॠऊढ के नए आंकड़े पेश किए गए थे. संशोधित आंकड़ों के बाद UPA सरकार के दौरान ग्रोथ अनुमान में बड़ी गिरावट दिखाई गई थी. शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, UPA सरकार के दौरान ॠऊढ की ग्रोथ रेट 10.26 फीसदी थी. जबकि नए आंकड़ों के हिसाब से इसे सिर्फ 8.5 फीसदी बताया गया.

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