श्रम सुधारों को लेकर सरकार गंभीर, बिल लाने की तैयारी
श्रम सुधारों को लेकर सरकार गंभीर, बिल लाने की तैयारी
-उद्योग विहार (जुलाई 2019)- नई दिल्ली।
भारी बहुमत से जीतकर सत्ता में वापसी करने वाली मोदी सरकार श्रम सुधारों को लेकर गंभीर है। सरकार संगठित और असंगठित क्षेत्रों में सभी प्रकार के रोजगार और श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम को लागू कर सकती है। अभी यह अधिनियम नियोजित रोजगार के कर्मचारियों तक ही सीमित है। सरकार सभी क्षेत्रों में न्यूनतम मजदूरी में एकरूपता लाने के लिए श्रम सुधारों पर तेजी से आगे बढ़ना चाहती है, खासकर यह देखते हुए कि 90 फीसद मजदूर असंगठित क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। श्रम कानूनों में बदलाव के लिए केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्रलय ने मजदूरी संहिता विधेयक, 2019 तैयार किया है। जल्द ही संसद में पेश किए जाने वाले इस विधेयक में अन्य कई प्रावधान शामिल किए गए हैं। उदाहरण के लिए, प्रस्तावित कानून का एक पहलु यह हो सकता है कि संबंधित राज्य न्यूनतम मजदूरी तय और संशोधित कर सकती है, वहीं केंद्र सरकार, अधिसूचना के जरिए न्यूनतम मजदूरी का मानक तय सकती है, जो विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकता है। प्रस्तावित विधेयक पर अभी कैबिनेट की मुहर लगनी है। इसमें यह प्रावधान शामिल किए जाने की संभावना है कि मानक मजदूरी कामगार के न्यूनतम जरूरतों पर आधारित होगी। राज्य सरकारें इससे कम न्यूनतम मजदूरी तय नहीं कर सकती हैं। अगर राज्य सरकारों द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी मानक मजदूरी से ज्यादा होगी तो उसे कम नहीं किया जाएगा।
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