अमीर देशों को 3000 टन प्लास्टिक कचरा लौटाएगा मलेशिया
अमीर देशों को 3000 टन प्लास्टिक कचरा लौटाएगा मलेशिया
उद्योग विहार (जुलाई 2019)- कुआलालंपुर।
मलेशिया की सरकार ने मंगलवार को एलान किया कि उन अमीर देशों को करीब तीन हजार टन प्लास्टिक कचरा वापस भेजा जाएगा, जहां से कचरा उसके मुल्क में पहुंचा है। सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि मलेशिया ग्लोबल डंपिंग देश नहीं बनेगा। मलेशिया पिछले साल प्लास्टिक कचरे का प्रमुख गंतव्य स्थान बन गया था जब चीन ने ऐसे कचरे के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रतिबंध के चलते सालाना 70 लाख टन से ज्यादा कचरे के निस्तारण को लेकर समस्या खड़ी हो गई। दूसरी ओर, मलेशिया में दर्जनों रिसाइकलिंग फैक्टियां खुल गईं। इनमें से कई बगैर लाइसेंस के संचालित हो रही हैं। मलेशिया के लोग इन फैक्टियों से पर्यावरण को नुकसान की शिकायत भी कर चुके हैं। मलेशिया की पर्यावरण मंत्री याओ बी यिन ने कहा, ‘60 कंटेनर कचरा अवैध रूप से देश में लाया गया है। इसे वापस भेजा जाएगा। इन कंटेनरों को झूठे घोषणापत्र और पर्यावरण कानून का उल्लंघन कर लाया गया था। विकसित देशों के नागरिक यही सोचते हैं कि उनके यहां कचरा रिसाइकलिंग हो रहा है, लेकिन उन्हें यह पता नहीं है कि उनके यहां का ज्यादातर कचरा मलेशिया में डंप किया जा रहा है।’ उन्होंने बताया कि ब्रिटेन की एक रिसाइकलिंग कंपनी पिछले दो साल के दौरान 50 हजार टन से ज्यादा कचरा मलेशिया को निर्यात कर चुकी है।
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इन देशों से पहुंचा कचरा
मलेशियाई अधिकारियों ने अमेरिका, फ्रांस, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन समेत उन 14 देशों की पहचान की, जहां से प्लास्टिक कचरा मलेशिया पहुंचा है।
फिलीपींस के राष्ट्रपति भी दे चुके हैं ऐसा ही आदेश
फिलीपींस के राष्ट्रपति रोडिगो दुतेर्ते ने भी पिछले हफ्ते अपनी सरकार को आदेश दिया था कि वह 69 कंटेनर कचरा वापस कनाडा भेजने के लिए किसी प्राइवेट शिपिंग कंपनी को जिम्मा सौंपे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कनाडा ने अपना कचरा वापस लेने से मना किया तो उसके जलक्षेत्र में ही कचरा गिरा दिया जाए।
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