टैक्स कलेक्शन में सुस्ती से सरकार की बढ़ी टेंशन! बन रही ये रणनीति
टैक्स कलेक्शन में सुस्ती से सरकार की बढ़ी टेंशन! बन रही ये रणनीति
आर्थिक सुस्ती के बीच टैक्श कलेक्शन की धीमी रफ्तार ने मोदी सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. यही वजह है कि सरकार की ओर से टैक्स कलेक्शन में तेजी लाने के लिए नए सिरे से मंथन की जा रही है. यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य अखिलेश रंजन ने दी है. इसके साथ ही उन्होंने कॉरपोरेट टैक्स कम करने के भी संकेत दिए.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अखिलेश रंजन ने बताया कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी उम्मीद से कम है. सीबीडीटी इस बारे में अपनी रणनीति पर नए सिरे से काम करेगा.बता दें कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 13.35 लाख करोड़ रुपये के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य रखा है. इसमें 7.66 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट या कंपनी टैक्स से और 5.69 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स से जुटाए जाने हैं.
कम होगा कॉरपोरेट टैक्स!
वहीं कॉरपोरेट टैक्स को कम किए जाने पर अखिलेश रंजन ने कहा कि सरकार इस मामले पर गौर कर रही है. उन्होंने कहा कि आज या कल कॉरपोरेट टैक्स की दर में कमी होनी ही है. रंजन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कॉरपोरेट टैक्स को कुछ कम किए जाने की जरूरत पर जोर दिया.
क्या कहते हैं आंकड़े
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से 17 सितंबर की अवधि में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 4.7 फीसदी बढ़कर 5.50 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5.25 लाख करोड़ रुपये रहा था. इस टैक्स कलेक्शन में से एडवांस टैक्स कलेक्शन 7.3 फीसदी बढ़कर 2.20 लाख करोड़ रुपये पर है. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में एडवांस टैक्स कलेक्शन 2.05 लाख करोड़ रुपये रहा था. हालांकि सरकार के लक्ष्य के हिसाब से देखें तो यह रफ्तार धीमी है. सरकार ने पूरे वित्त वर्ष के लिए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 17.5 फीसदी के अलावा इनडायरेक्ट टैक्स के लिए 15 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य रखा है. यहां बता दें कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही खत्म होने में अब चंद दिन बचे हैं.
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