गारमेंट इंडस्ट्री पर भारी संकट

Mar 09, 2020

गारमेंट इंडस्ट्री पर भारी संकट

चीन के कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद से देश की गारमेंट इंडस्ट्री को फायदा और नुकसान दोनों दिख रहा है। इस मिश्रित प्रभाव से गारमेंट सेक्टर में काफी चिंता देखी जा रही है। उद्यमियों का कहना है कि चीन में संकट को देखते हुए विदेशी खरीदारों का रुझान भारत की ओर बढ़ा है, जो सेक्टर के लिए अच्छी बात है। लेकिन उनके ऑर्डर को पूरा करने में घरेलू कंपनियों की लागत बढ़ गई है। इसकी वजह यह है कि गारमेंट एवं टेक्सटाइल इंडस्ट्री में डाइंग केमिकल जैसे कच्चे माल का आयात चीन से किया जाता है। इनकी आपूर्ति इस समय पूरी तरह से बंद है। ऐसी स्थिति में देश में इनका मौजूदा स्टॉक महंगा हो रहा है। डाइंग केमिकल के रेट में 20 से 25 फीसद की तेजी आ गई है। इससे उत्पादन लागत बढ़ने लगी है।

जानकारों का कहना है कि जो भी विदेशी खरीदार अभी भारतीय कंपनियों को ऑर्डर दे रहे हैं, वह उनकी तात्कालिक जरूरत पर आधारित हैं। इस प्रकार के ऑर्डर सबसे अधिक रेडीमेड गारमेंट को लेकर आ रहे हैं। निर्यातकों की मानें तो अभी भी बड़ी संख्या में विदेशी बायर्स को चीन में स्थिति के संभलने का इंतजार है। इसके बाद उनका ऑर्डर फिर से चीन को मिलने लगेगा। उन्हें लग रहा है कि दो से तीन माह में वहां स्थिति संभल जाएगी। टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट अनिल जैन का कहना था कि कोरोना वायरस संकट को लेकर गारमेंट सेक्टर में बड़ी दुविधापूर्ण स्थिति है। एक तरफ जहां रिटेल कारोबार में कमी आ रही है वहीं विदेशी बायर्स की ओर से सिर्फ तात्कालिक ऑर्डर ही दिए जा रहे हैं। अभी भी वह चीन में स्थिति के संभलने का इंतजार कर रहे हैं। यही वजह है कि बहुत जरूरी होने पर ही विदेशी खरीदार इस वक्त भारतीय कंपनियों को ऑर्डर दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में उद्योगों को दूरगामी लाभ मिलने की संभावनाएं काफी कम नजर आ रही हैं।

रिटेल सेल में गिरावट : कोरोना वायरस को लेकर रिटेल मार्केट पर भी नकारात्मक असर पड़ने लगा है। पिछले कुछ दिनों से मॉल्स या मार्केट में लोगों का आना-जाना काफी कम हो गया है। इसका सबसे अधिक असर गारमेंट की खरीद पर दिख रहा है। रिटेलर्स का कहना है कि यदि ऐसा लंबे समय तक रहा तो बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। काफी लोग मार्केट जाकर खरीद करने के स्थान पर ऑनलाइन शॉच्पग पर जोर दे रहे हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर

1.चीन के बाहर कई देशों में वायरस फैलने से उद्यमी चिंतित

2.कच्चे माल के प्रबंधन के लिए करना पड़ रहा संघर्ष

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