उम्मीदवार का ग़लत हलफ़नामा देना धाँधली नहीं बशर्ते वह चुनाव अधिकारी की जाँच से पहले इसमें सुधार कर लेता है : सुप्रीम कोर्ट

Mar 15, 2019

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई उम्मीदवार नामांकन पत्र में दिए गए किसी ग़लत सूचना को चुनाव अधिकारी की जाँच से पहले ठीक कर लेता है तो उसे 'धाँधली' नहीं कहा जाएगा। 

जिबोनतारा घटोवर के ख़िलाफ़ शिकायत यह थी कि उसने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 33A के तहत जो फ़ॉर्म भरा था उसमें इस बात का ज़िक्र नहीं किया था कि उसके ख़िलाफ़ एक आपराधिक मामला लंबित था। इस प्रावधान के अनुसार, उम्मीदवारों से उम्मीद की जाती है कि वह इसमें अपने ख़िलाफ़ ऐसे लंबित मामलों का ज़िक्र करेंगे जिसमें दो वर्ष या इससे अधिक की क़ैद की सज़ा हो सकती है।नामांकन करने के समय इस उम्मीदवार के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 420/468/193 के तहत आपराधिक मामला लंबित था।

यह भी पढ़े -

सिर्फ छह माह के योगदान पर ले सकेंगे सुपर स्पेशिएलिटी इलाज,जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/super-specialty-treatment-will-be-able-to-take-on-only-six-months-contribution

इस उम्मीदवार ने अपने चुनावी याचिका में यह कहते हुए इसका बचाव किया कि उसने इसके बाद एक हलफ़नामा दायर कर कहा था कि उसने नामांकन पत्र में जो सूचना दी है वह पूरी तरह सही नहीं है और उसके ख़िलाफ़ डिब्रूगढ़ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक आपराधिक मामला विचाराधीन है।

इसके बाद हाईकोर्ट ने चुनावी याचिका ख़ारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष हाईकोर्ट के आदेश की आलोचना करते हुए कहा गया कि नामांकन पत्र में आपराधिक मामले के लंबित होने की बात को छिपाना धोखाधड़ी है। पर पीठ ने इससे सहमत नहीं हुआ। पीठ ने कहा,

यह भी पढ़े -

आईएलएफएस संकट गहराने से लाखों के पीएफ पर खतरा,जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/ilf-threat-pf-on-millions-of-pounds-from-crisis

"यह दलील विचारणीय तब होता जब उम्मीदवार ने इसके बाद हलफ़नामा दायर कर यह स्वीकार नहीं किया होता कि उसके ख़िलाफ़ एक आपराधिक मामला विचाराधीन है और उसने नामांकन पत्र में जो सूचना दी है वह पूरी तरह सही नहीं...प्रतिवादी ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले का ब्योरा भी दिया है। हमारी राय में, नामांकन पत्र दायर करते हुए उम्मीदवार की ओर हुई यह एक महज़ ग़लती है।

" कोर्ट ने यह भी कहा कि नामांकन दायर करने वाली इस उम्मीदवार के इस कार्य को धोखाधड़ी नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह ग़लती नामांकन दायर करने के स्तर पर हुई और इस स्तर पर जो ग़लत सूचना दी गई उसको बाद के हलफ़नामे में स्वीकार किया गया और उसे सुधार दिया गया और यह सब नामांकन पत्र की जाँच से पहले किया गया। इस तरह, "जब चुनाव अधिकारी इस नामांकन पत्र की जाँच कर रहा था तो उसके सामने सही सूचना थी। स्पष्ट है कि ग़लत सूचना देकर वोट नहीं माँगे गए," पीठ ने कहा।

यह भी पढ़े -

खुशखबरी : इस साल एक लाख नौकरियां देगा भारतीय आईटी उद्योग,,जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/good-news-indian-it-industry-will-give-one-lakh-jobs-this-year

 

आपकी राय !

हमारे राज्य में औद्योगिक मजदूरों के हित में क्या कानून है

मौसम