इंडिया रेटिंग्स ने घटाया भारत की जीडीपी पर भरोसा, 2019-20 में 7.3% की जगह 6.7% रहने का अनुमान दिया
इंडिया रेटिंग्स ने घटाया भारत की जीडीपी पर भरोसा, 2019-20 में 7.3% की जगह 6.7% रहने का अनुमान दिया
नई दिल्लीः इंडिया रेटिंग्स ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिये देश की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया . खपत मांग में कमी , विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में नरमी को देखते हुये एजेंसी ने वृद्धि दर का अनुमान घटाया है. रेटिंग एजेंसी ने इससे पहले जीडीपी वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी.
इंडिया रेटिंग्स के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि लगातार तीसरे साल आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी रहेगी. उन्होंने कहा कि तिमाही आधार पर अप्रैल - जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर धीमी होकर 5.7 फीसदी रहने की उम्मीद है. इससे पिछली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.8 फीसदी रही थी. इंडिया रेटिंग्स ने रिपोर्ट में कहा , "हमने 2019-20 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया. यह छह साल का न्यूनतम स्तर है. "
इसमें कहा गया है कि खपत से जुड़ी मांग में नरमी , मानसून में देरी , विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में गिरावट , समयबद्ध तरीके से मामलों को सुलझाने में दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता सहिंता के नाकाम रहने से चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट रहने की आशंका है. वैश्विक मोर्चे पर व्यापार तनाव बढ़ने से निर्यात भी प्रभावित होगा. सिन्हा ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के वास्ते ऑटो , एमएसएमई और वित्तीय क्षेत्रों के लिए सरकार की ओर से उठाए कदमों के बेहतर परिणाम दिखने में समय लगेगा.
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की मौजूदा रफ्तार से 2024- 25 तक देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होगा . इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बाजार मूल्य पर आधारित जीडीपी वृद्धि दर 12 फीसदी होनी चाहिए. सिन्हा ने यह भी कहा कि ऑटो, लघु उद्योगों और वित्तीय क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने के लिये सरकार ने जिन उपायों की घोषणा की है उनका परिणाम सामने आने में कुछ समय लगेगा.
यह भी पढ़े-