सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस बोस और जस्टिस बोपन्ना ने ली शपथ

May 25, 2019

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस बोस और जस्टिस बोपन्ना ने ली शपथ

सुप्रीम कोर्ट में 4 नए जजों जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना ने शपथ ले ली। शुक्रवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने चारों को पद की शपथ दिलाई। अब सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत संख्या के मुताबिक पूरे 31 जज हो गए हैं। राष्ट्रपति ने दी थी अपनी स्वीकृति इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ए. एस. बोपन्ना, बॉम्बे हाई कोर्ट के जज जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई और हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त करने को मंजूरी दे दी थी।

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केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद कॉलेजियम ने फिरसे भेजी थी सिफारिश वहीं केंद्र सरकार की आपत्ति को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपनी उस सिफारिश को दोहराया था जिसमें जस्टिस बोस और जस्टिस बोपन्ना को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने को कहा था। कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश को वापस केंद्र को भेजते हुए कहा था कि वरिष्ठता को इन मामलों में देखा जाता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही यह भी तय किया है कि वरिष्ठता के अलावा किसी हाई कोर्ट जज को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करने के लिए योग्यता को उससे ज्यादा तरजीह देनी चाहिए। दरअस केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की उस सिफारिश को वापस लौटा दिया था। केंद्र ने वरिष्ठता क्रम के आधार पर कॉलेजियम को ये सिफारिश वापस भेजी थी। 12 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस और गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ए. एस. बोपन्ना को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई वर्ष 2025 में बनेंगे CJI वहीं जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई की नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट के पास लगभग एक दशक के बाद अनुसूचित जाति श्रेणी के एक जज हुए हैं वो वर्ष 2025 में देश के मुख्य न्यायाधीश भी होंगे। जस्टिस सूर्यकांत भी जस्टिस गवई के बाद मुख्य न्यायाधीश बनेंगे।

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