दो श्रम प्रवर्तन अधिकारी समेत दस के खिलाफ सरकारी धन के दुरुपयोग की रिपोर्ट

May 13, 2022
Source: https://www.jagran.com

भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की योजनाओं में दिया गया अनुचित लाभ बोर्ड के सचिव ने जांच करने के बाद सहायक श्रम आयुक्त दिए थे रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश
 

जागरण संवाददाता, मथुरा: भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की विभिन्न योजनाओं का फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर लोगों को अनुचित लाभ देने के मामले में श्रम विभाग के दो श्रम प्रवर्तन अधिकारी, वरिष्ठ सहायक कार्यालय समेत दस लोग फंस गए हैं। बोर्ड के सचिव विपिन जैन ने दो दिन पहले ही सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय पहुंच कर तहकीकात की। जांच में सरकारी धन का दुरुपयोग किए जाने का मामला सामने आया था। इसके बाद कोतवाली में सहायक श्रम आयुक्त ने नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है।

श्रम एवं सेवायोजन मंत्री की अध्यक्षता में चार मई को हुई भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की विभिन्न योजनाओं की हुई समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्रम और बोर्ड के अध्यक्ष को मौखिक निर्देश दिए गए थे कि सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय मथुरा में कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की विभिन्न योजनाओं में श्रमिकों को लाभ देने में अनियमितता की जा रही है। बोर्ड के सचिव विपिन जैन की अध्यक्षता में जांच के लिए समिति गठित की गई। सचिव नौ मई को सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय आए। पूर्व में प्राप्त शिकायतों की जांच की। जांच में शिकायतों की पुष्टि हो गई। सचिव ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश सहायक श्रम आयुक्त एमएल पाल को दिए। उन्होंने कोतवाली में श्रम प्रवर्तन अधिकारी सूरज तिवारी, तत्कालीन श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्याम सुंदर, वरिष्ठ कार्यालय सहायक डीएस दीक्षित, थाना राया क्षेत्र के नगला करना कूम्हा निवासी सुरेश, उनकी पत्नी उर्मिला, गांव मगोर्रा निवासी मदन लाल उनके पुत्र गजेंद्र, फौंडर निवासी हरदम, थाना हाईवे क्षेत्र की कुंज कालोनी निवासी दिनेश चंद की पत्नी कमला देवी और कोतवाली क्षेत्र की कृष्ण विहार कालोनी निवासी हुकम सिंह के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। इन पर आरोप है, सभी ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इसके आधार सरकारी धन का दुरुपयोग करने के लिए अनुचित लाभ दिया गया। कोतवाली प्रभारी विजय कुमार ने बताया, सहायक श्रम आयुक्त की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। -पहले भी जांच : सहायक श्रम आयुक्त लंबे समय तक अधिकारी और कर्मचारियों के बीच विवाद के कारण सुर्खियों में रहा है। एक अधिकारी की आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए एक आडियो भी वायरल हुआ। पूरे मामले की जांच भी हुई थी। एक अधिकारी को निलंबित होना पड़ा था। जिन योजनाओं में अनुसूचित लाभ लोगों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर दिया गया था। उनकी जांच श्रम प्रवर्तन अधिकारी सूरज तिवारी ने की थी, जबकि पर्यवेक्षण कार्य तत्कालीन सहायक श्रम आयुक्त कर रहे थे।

 

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