दिल्ली की पहली सुरक्षित लैंडफिल साइट तैयार, खूबियां जानने के लिए पढ़िये पूरी स्टोरी
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बवाना के सेक्टर पांच में 14 एकड जमीन पर डीएसआइआइडीसी द्वारा विकसित की गई दिल्ली की पहली सुरक्षित लैंडफिल साइट को डीपीसीसी ने चार साल के लिए सहमति पत्र जारी किया है। इस लैंडफिल साइट में प्रति वर्ष 65000 टन खतरनाक औद्योगिक कचरे का निस्तारण होगा।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। बवाना इलाके में देश की राजधानी दिल्ली की पहली सुरक्षित लैंडफिल साइट (एसएलएफ) बन कर तैयार हो गई है। यहां पर ट्रीटमेंट, स्टोरेज, डिस्पोजल फैसेलिटी (टीएसडीएफ) संयंत्र भी लगाया गया है, जहां खतरनाक औद्योगिक कचरे का निस्तारण होगा। खास बात यह कि कचरे का निस्तारण भी जल एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम के साथ होगा। यहां रिसाइकिलिंग की व्यवस्था भी रहेगी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की ओर से चार मार्च 2022 को इसके संचालन के लिए चार साल का सहमति पत्र भी जारी कर दिया है, जबकि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का अनापत्ति प्रमाण पत्र पहले ही मिल गया है। संभावना हैँ कि बहुत ही जल्द यह लैंडफिल साइट एवं संयंत्र चालू हो जाएगा।
गौरतलब है कि दिल्ली में फिलहाल भले ही औद्योगिक कचरा बड़ा खतरा बन रहा हो, लेकिन भविष्य में नहीं बनेगा। डीपीसीसी की ओर से केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को भेजी गई एक नवीनतम रिपोर्ट में बताया गया है कि इस लैंडफिल साइट पर औद्यगिक कचरा पहुंचना शुरू हो गया है। ऐसे में टीएसडीएफ संयंत्र और इंसीनरेटर भी अगले कुछ दिनों में काम करने लगेगा।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राजधानी में प्रतिवर्ष 2,944.68 मीट्रिक टन की दर से खतरनाक औद्योगिक कचरा निकलता है। इस कचरे की उत्पत्ति का स्त्रोत 2,026 औद्योगिक इकाइयों को बताया गया है। यह वो कचरा है जो कामन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के जरिये औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषित जल का शोधन करने के बाद निकलता है।
जानकारी के मुताबिक यह लैंडफिल साइट और संयंत्र दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम (डीएसआइआइडीसी) द्वारा विकसित किए गए हैं। बवाना सेक्टर पांच स्थित प्रगति पावर प्लांट के बगल में 14 एकत्र जमीन पर तैयार इस लैंडफिल साइट और संयंत्र के परिचालन और संचालन का टेंडर मेसर्स तमिलनाडु वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड को अवार्ड किया गया है।