Delhi News: ससुर से भरण-पोषण की मांग को लेकर बहू और पोती की याचिका पर दिल्ली HC की अहम टिप्पणी

May 13, 2022
Source: https://www.jagran.com

ससुर से भरण पोषण की मांग करने वाली बहू और पोती की उस याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि अपीलकर्ता किसी भी रखरखाव की हकदार नहीं है क्योंकि मृतक ने कोई संपत्ति नहीं छोड़ी थी।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। ससुर से भरण-पोषण की मांग को लेकर बहू और पोती की अपील याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम निर्णय सुनाते हुए खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि ससुर की संपत्ति में पति का योगदान होने पर ही बहू भरण-पोषण के लिए ससुर से दावा कर सकती है। पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता अपने पति की ऐसी किसी भी संपत्ति को बताने में विफल रहीं, जो प्रतिवादियों को हस्तांतरित की गई हो। इतना ही नहीं, ससुर का पहले ही देहांत हो चुका है और सास से अपीलकर्ता अधिकार के रूप में किसी भी प्रकार के भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती हैं।

पीठ ने कहा कि पारिवारिक न्यायालय अधिनियम-1984 की धारा-22 में मृतक के उत्तराधिकारियों द्वारा मृतक के आश्रितों के भरण-पोषण का प्रविधान है, लेकिन यह तभी दिया जा सकता है जब उन्हें मृतक से संपत्ति विरासत में मिली हो। अपीलकर्ता महिला लक्ष्मी का विवाह तीन दिसंबर, 2011 को प्रतिवादी श्याम प्रताप के बेटे से हुआ था। एक अक्टूबर, 2012 को उनके विवाह से एक बेटी हुई थी। लक्ष्मी के पति की मृत्यु 14 दिसंबर, 2013 को हुई और इसके बाद लक्ष्मी बेटी के साथ अपने पैतृक घर चली गई।

प्रतिवादियों ने दलील दी थी कि इसके बाद न तो लक्ष्मी वापस लौटी और न ही उनसे संपर्क किया। फरवरी 2018 में भरण-पोषण की मांग करते हुए याचिका दायर कर दलील दी थी कि वह अशिक्षित हैं और अपने या बेटी के भरण-पोषण के लिए आय का कोई स्नोत नहीं था। उनकी देखभाल करना ससुर का कर्तव्य है, लेकिन उन्होंने रखरखाव के लिए कुछ भी भुगतान नहीं किया।

वहीं, प्रतिवादियों ने दलील दी कि अपीलकर्ता किसी भी रखरखाव की हकदार नहीं है, क्योंकि मृतक ने कोई संपत्ति नहीं छोड़ी थी। परिवार न्यायालय ने यह कहते हुए लक्ष्मी के आवेदन को खारिज कर दिया था कि वह अपने पति द्वारा छोड़ी गई किसी भी संपत्ति के बारे में नहीं बता सकी, ऐसे में वह अपने ससुर से भरण-पोषण को लेकर कोई दावा नहीं कर सकती हैं।

 

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