UPSC 2021 CSE Result: हैरान कर देगी पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानने वालीं आयुषी की प्रतिभा

May 31, 2022
Source: https://www.jagran.com

UPSC 2021 CSE Result रानीखेड़ा की रहने वाली 30 वर्षीय आयुषी स्कूल से कालेज तक हमेशा टापर रही हैं। वह यहां मुबारकपुर स्थित स्कूल में इतिहास की लेक्चरर हैं। वह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं।

नई दिल्ली [शिप्रा सुमन]। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के नतीजे घोषित होने के बाद हर तरफ छात्राओं की सफलता की चर्चा है। इनमें एक ऐसी भी प्रतिभा है, जो सबसे अलग है। देशभर में 48वां स्थान प्राप्त करने वाली दिल्ली की आयुषी शर्मा देख नहीं सकती हैं। वह 100 प्रतिशत दृष्टिहीन हैं, लेकिन कठिन परिश्रम और बुलंद हौसलों से शीर्ष 50 में जगह बनाने में सफल रहीं।

आयुषी बचपन से शिक्षक बनने का सपना देखती थीं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कालेज में स्नातक की तीनों वर्ष की परीक्षा में टापर रहीं। चौथे प्रयास में यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने वाली आयुषी इस सफलता के लिए अपने माता-पिता को श्रेय देती हैं। 

रानीखेड़ा की रहने वाली 30 वर्षीय आयुषी ने इससे पहले दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में भी टाप किया था। उन्होंने 2015 में सिविल सेवा की तैयारी का फैसला किया। तीन बार के प्रयास असफल रहे, लेकिन हर बार और मजबूत होती गईं।

कम समय में की बड़ी तैयारी

अध्यापन के कारण आयुषी को तैयारी के लिए समय कम मिलता था। रात में कम सोती थीं और स्कूल से लौटकर पढ़ाई करती थीं। सिर्फ माक टेस्ट और बगैर कोचिंग का सहारा लिए ही तैयारी पूरी की। वह इंटरनेट मीडिया से भी जुड़ी हैं। इससे पहले आयुषी ने 2009 में 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के केशवपुरम स्थित जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डीआइइटी) से पढ़ाई की थी। 2011 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और 2016 में इग्नू से परास्नातक किया। 2019 में उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से बीएड की पढ़ाई पूरी की।

एपीजे अब्दुल कलाम हैं आदर्श

आयुषी पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं और उनके भाषण को सुनती हैं। आयुषी को हालीवुड का म्यूजिक और फिल्में पसंद हैं। वह महिलाओं व पिछड़ों के लिए कुछ करना चाहती हैं।

माता-पिता को है गर्व

आयुषी की मां आशा रानी सीनियर नर्सिंग आफिसर पद से सेवानिवृत्त हैं और पिता अशोक कुमार बठिंडा में एचईएल में चीफ डिस्पेंसर हैं। आयुषी की सफलता से दोनों गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मां ने बताया कि वह रिकार्डिंग करके आयुषी को देती थीं। आयुषी एनसीईआरटी की पुस्तकों का विवरण यू-ट्यूब से सुनकर समझती थी। 

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