प्यूरीफायर पर रोक अधिसूचना में देरी से एनजीटी नाराज
प्यूरीफायर पर रोक अधिसूचना में देरी से एनजीटी नाराज
नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने आरओ प्यूरीफायर पर रोक लगाने संबंधी अधिसूचना जारी करने में हो रही देरी को लेकर पर्यावरण मंत्रलय को फटकार लगाई और संबंधित अधिकारी का वेतन रोकने की चेतावनी दी। एनजीटी ने उन इलाकों में आरओ प्यूरीफायर पर रोक लगाने का आदेश दिया है जहां के पानी में ठोस घुलनशील तत्वों की मात्र 500 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है। एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने कहा कि आदेश के अमल में हो रही देरी से लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। पीठ ने कहा,मौजूद अधिकारी आज्ञा के अनुपालन नहीं किए जाने के लिए कोई ठोस वजह नहीं बता पाए और उनके द्वारा बताया गया कारण सही नहीं है। यह रुख साफ तौर पर संबंधित अधिकारी की अधिकरण द्वारा 20 मई 2019 को दिए आदेश के अनुपालन में नाकामी को दिखाता है। यह आदेश एनजीटी कानून 2010 की धारा 25 के तहत बाध्यकारी है और पर्यावरण मंत्रलय के अधिकारी अनुपालन नहीं होने पर जिम्मेदार हैं। अधिकरण ने आदेश का अनुपालन करने के लिए पर्यावरण मंत्रलय को 31 दिसंबर 2019 तक आखिरी मौका दिया है और कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो मंत्रलय का संबंधित अधिकारी एक जनवरी 2020 से वेतन के लेने का हकदार नहीं होगा। एनजीटी ने कहा कि 10 जनवरी के बाद और सख्त कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।
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