साद समेत आठ देशों के मुस्लिम संगठनों के संपर्क में थे प्रोफेसर

Apr 23, 2020

साद समेत आठ देशों के मुस्लिम संगठनों के संपर्क में थे प्रोफेसर

बिना पुलिस को जानकारी दिए विदेशी जमातियों को शरण दिलाने में जेल भेजे गए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मो. शाहिद आठ देशों के मुस्लिम संगठनों के संपर्क में थे। उनकी कॉल डिटेल से खुफिया एजेंसियों को चौंकाने वाले इनपुट मिले हैं। निजामुद्दीन स्थित मरकज के चीफ मो. साद से प्रोफेसर की अक्सर मोबाइल पर बात होती थी। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि मो. साद के करीबियों में प्रोफेसर भी थे, जिन्होंने इंडोनेशिया के सात और थाइलैंड के नौ जमातियों के प्रयागराज स्थित मस्जिद में रुकने की गोपनीय व्यवस्था निजामुद्दीन मरकज से निर्देश पर कराई थी।

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में वर्ष 1988 में तत्कालीन कुलपति वहीदउद्दीन मलिक के कार्यकाल में प्रोफेसर शाहिद की नियुक्ति से लेकर अब तक की कुंडली खुफिया एजेंसियों ने खंगाल ली है। रिपोर्ट के मुताबिक परिवार के पांच सदस्यों तथा चार छात्रों समेत मो. शाहिद के 28 करीबियों समेत उनके संपर्को को भी खंगाला जा रहा है। यह ब्योरा भी जुटा लिया गया है कि प्रोफेसर इथोपिया, सोमालिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, उज्बेकिस्तान व टर्की समेत कई देशों की यात्र कर चुके हैं और वहां मुस्लिम संगठनों के कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुके हैं। भारतीय दूतावासों समेत अन्य एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है। खासतौर पर इथोपिया की राजधानी अदीस अबाबा के मुस्लिम संगठनों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। दरअसल, प्रो. शाहिद अदीस अबाबा में मुस्लिम संगठनों के दो जलसों में एक-एक हफ्ते के लिए जा चुके हैं। अंतिम बार वह दिसंबर 2019 में आठ दिन के लिए अदीस अबाबा गए थे।

चार छात्रों समेत 28 करीबियों पर जांच एजेंसियों की नजर, खंगाली जा रही कॉल डिटेल, प्रोफेसर चार मोबाइल नंबर का करते हैं प्रयोग प्रोफेसर को जेल भेजने के बाद उनकी स्थानीय गतिविधियों को लेकर पुलिस व सर्विलांस टीमें जांच कर रही हैं। उनके विदेश कनेक्शन की खुफिया एजेंसियां जांच कर रही हैं। कई अहम तथ्य सामने आए हैं। लॉकडाउन के दौरान विदेशी जमातियों को चोरी-छिपे मस्जिद में रखने के मामले में पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उन्हें जेल भेजकर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। प्रोफेसर के मामले में उच्चस्तरीय जांच भी चल रही है।

यह भी पढ़े-

जरूरतमंद वकीलों को मदद देने की कार्ययोजना तैयार http://uvindianews.com/news/action-plan-ready-to-help-needy-lawyers

आपकी राय !

हमारे राज्य में औद्योगिक मजदूरों के हित में क्या कानून है

मौसम