राजस्थान हाईकोर्ट की प्रशंसनीय पहल, कोर्ट परिसर में प्लास्टिक के इस्तेमाल को किया बैन
राजस्थान हाईकोर्ट की प्रशंसनीय पहल, कोर्ट परिसर में प्लास्टिक के इस्तेमाल को किया बैन
राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक स्वागत योग्य पहल करते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर सम्मान के रूप में संस्था और जनता के हित में, हाईकोर्ट जयपुर और हाईकोर्ट जबलपुर के परिसर और गेस्ट हाउस में प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया है। प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के इस प्रस्ताव के अंतर्गत प्लास्टिक/ थर्मोकोल की बोतलें, कप, गिलास, बर्तन, बर्तन, चम्मच, कांटे, कटोरी के डिब्बे, प्लेटें, बोतलें, बोतल, तिनके, पाउच और अन्य प्लास्टिक उत्पाद किसी भी तरीके से जोधपुर और जयपुर हाईकोर्ट और हाईकोर्ट के गेस्ट हाउस के परिसर में इस्तेमाल करने पर रोक लगाई गई है । यह प्रतिबंध न केवल उच्च न्यायालय परिसर में, बल्कि अधीनस्थ न्यायालयों के सभी परिसरों के साथ-साथ राज्य के सभी न्यायालयों के परिसर के अंदर संचालित कैंटीन / रेस्तरां में भी लागू होगा। इस प्रतिबंध पर आधिकारिक कार्यों, सम्मेलनों या किसी अन्य अवसरों के दौरान सख्ती से अमल करवाया जाएगा। पहले इस नियम को खुद राजस्थान उच्च न्यायालय में लागू करके सभी के लिए एक उदाहरण स्थापित करने के लिए 28.09.2019 को एक परिपत्र जारी किया गया जिसमें कहा गया कि प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग मानव जीवन के साथ-साथ पर्यावरण के लिए विनाशकारी के लिए बहुत खतरनाक और हानिकारक है। इसके बावजूद, दिन-प्रतिदिन के जीवन में प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है और इसके खतरनाक प्रभावों को पूरी तरह से अनदेखा कर रहा है। राजस्थान हाईकोर्ट के फुल कोर्ट में उपरोक्त संकल्प का हवाला देते हुए कहा गया कि प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग न करें, प्रतिबंधित प्लास्टिक उत्पादों की एक सूची परिपत्र के साथ संलग्न की गई है और सभी संबंधितों को तदनुसार अनुपालन सुनिश्चित करने और सुनिश्चित करने के लिए संलग्न किया गया है।
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