दिल्ली दंगा : सुप्रीम कोर्ट ने कई एफआईआर की कार्यवाही पर रोक लगाने से हाईकोर्ट के इनकार के खिलाफ आप पार्षद ताहिर हुसैन की चुनौती याचिका खारिज की

Nov 15, 2022
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें 2020 के दिल्ली दंगों के संबंध में उनके खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर में कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था। इस साल 16 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद हुसैन की एसएलपी दायर की।
जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने कहा कि वह हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है, क्योंकि मामला हाईकोर्ट के समक्ष उप-न्यायिक है। खंडपीठ ने कहा, "... हमें इस स्तर पर हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता जब मामला हाईकोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।" हुसैन की ओर से सीनियर एडवोकेट मेनका गुरुस्वामी ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि आपराधिक कानून एक ही अपराध पर बाद में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने की अनुमति नहीं देता। उन्होंने आगे तर्क दिया कि आरोपी को उसी घटना के संबंध में नए सिरे से जांच के अधीन नहीं किया जा सकता। गुरुस्वामी ने तर्क दिया कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के अनुसार तर्कसंगत नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि इस पहलू को दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 सितंबर के अपने आदेश में नोट किया। पीठ ने तुरंत सीनियर वकील से पूछा, "जब मामला हाईकोर्ट के समक्ष है तो हमें अब हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए?" खंडपीठ ने आगे कहा कि जब मामला उप-न्यायिक है तो वह सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं की सराहना नहीं करती। "हाईकोर्ट में वापस जाओ और इसे मनाओ। हमने अंतरिम आदेश दिया ... हमारे दरवाजे बंद नहीं हैं। हमारे सामने आने वाली हर चीज की हम सराहना नहीं करते, सवाल खुले हैं।" जैसे ही सुनवाई समाप्त हुई तो खंडपीठ ने सीनियर वकील के अनुरोध के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट को इस मामले में शीघ्रता से निर्णय लेने का निर्देश देने से इनकार कर दिया।

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