जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट राजी

Nov 17, 2022
Source: https://hindi.livelaw.in/

भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली को चुनौती देने वाली याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गए। याचिका न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए एक नई व्यवस्था की मांग करती है। एडवोकेट मैथ्यूज जे नेदुमपारा ने सीजेआई की खंडपीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया था। पीठ में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं
याचिकाकर्ता की ओर से पेश श्री नेदुमपारा ने कहा कि 2015 के फैसले ने कॉलेजियम प्रणाली को पुनर्जीवित किया था, जिसे शुरू से ही अमान्य कर दिया जाना चाहिए था। सीजेआई ने माना कि कॉलेजियम प्रणाली, जिसे सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ के फैसले के द्वारा लाया गया था, की भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर एक रिट याचिका में समीक्षा की जा सकती है। बहरहाल, उन्होंने वकील को आश्वासन दिया कि इसे समय के साथ देखा और सूचीबद्ध किया जाएगा।
याचिका के अनुसार, उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली न्यायिक नियुक्तियों में राजनीतिक हस्तक्षेप को पूरी तरह से दूर रखने में और सबसे अच्छे और सबसे योग्य जजों की नियुक्ति में पूरी तरह से विफल रही है और इसके बजाय, इसके जरिए उच्च न्यायपालिका के जजों के प्रतिष्ठित पद पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के वर्तमान और पूर्व जजों, उनके कनिष्ठों, प्रतिष्ठित वकीलों के परिजनों का एकाधिकार हुआ है।
याचिका की मुख्य प्रार्थना परमादेश रिट या कोई अन्य उपयुक्त रिट, आदेश या निर्देश जारी करना है, जो यूनियन ऑफ इंडिया को एक गैर-सरकारी/गैर-विभागीय सार्वज‌निक इकाई के निर्माण के लिए इस तरह के विधायी या प्रशासनिक उपायों को अस्तित्व में लाने का निर्देश देता है, जो एक ऐसा न्यायिक नियुक्ति आयोग हो जो सभी योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित करके उच्च न्यायपालिका के लिए न्यायाधीशों का चयन करने के लिए कार्यपालिका और न्यायपालिका दोनों से स्वतंत्र हो

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