सुप्रीम कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया, अब तक 8 लाख से ज्यादा व्यूज़

Oct 04, 2022
Source: https://hindi.livelaw.in/

सुप्रीम कोर्ट की तीन संविधान पीठ की सुनवाई की लाइव-स्ट्रीमिंग को मंगलवार को पहले दिन बड़ी संख्या में लोगों देखा। यूट्यूब के आंकड़ों के मुताबिक, शाम 7.45 बजे तक तीनों वीडियो को 8 लाख व्यूज पार कर चुके हैं। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने पहली बार सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही देखने पर अपनी खुशी और उत्साह साझा किया। आज संविधान पीठ की तीन सुनवाई का सीधा प्रसारण किया गया: भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अगुवाई वाली पहली पीठ के समक्ष ईडब्ल्यूएस मामला।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली दूसरी बेंच के सामने उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे शिवसेना में दरार का मामला।
जस्टिस संजय किशन कौल की अगुवाई वाली तीसरी पीठ के समक्ष अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) की वैधता से संबंधित मामला।
ईडब्ल्यूएस सुनवाई मामले में अब तक 275,045 से अधिक व्यू आ चुके हैं। शिवसेना मामले को अब तक 395,991 बार देखा जा चुका है। एआईबीई केस को अब तक 104,89 व्यूज मिल चुके हैं। ये आंकड़े शाम 7.45 बजे तक के हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक प्रेस नोट में इस प्रकार कहा गया है: "संविधान पीठों की कार्यवाही को लाइवस्ट्रीम करने का निर्णय पूर्ण न्यायालय द्वारा 20 सितंबर, 2022 को लिया गया था और इसके तुरंत बाद रजिस्ट्री द्वारा ट्रायल रन किया गया था। तकनीकी सहायता टीमों ने सुनिश्चित किया कि लाइवस्ट्रीमिंग बिना किसी बाधा या कठिनाई के थी और पूरी तरह से निर्बाध थी। यह कदम दूरी की बाधाओं को दूर करने और नागरिकों को हर कोने से सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही देखने का अवसर प्रदान करेगा। यह एक शुरुआत है और सभी प्रक्रियाओं की लाइवस्ट्रीमिंग दिन का क्रम बनने से पहले सभी महत्वपूर्ण मामलों में कार्यवाही को लाइवस्ट्रीम करने का प्रयास किया जाएगा।"
चार साल पहले 26 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने स्वप्निल त्रिपाठी मामले में सार्वजनिक महत्व के लाइव-स्ट्रीमिंग मामलों के विचार को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार किया गया था। हालांकि, निर्णय को लागू नहीं किया गया क्योंकि लाइव-स्ट्रीमिंग के तौर-तरीकों को अंतिम रूप नहीं दिया गया था। 26 अगस्त को तत्कालीन सीजेआई एनवी रमना की औपचारिक पीठ के समक्ष उनकी सेवानिवृत्ति के दिन की कार्यवाही को जनता के लिए लाइव-स्ट्रीम किया गया था। यह लाइव-स्ट्रीमिंग का एकमात्र अन्य उदाहरण है। हाल ही में सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने सीजेआई यूयू ललित को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि संविधान पीठ की सुनवाई का सीधा प्रसारण किया जाए।

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