अब 20 हजार रूपये तक किराये पर नहीं देना होगा टीडीएस

May 24, 2019

अब 20 हजार रूपये तक किराये पर नहीं देना होगा टीडीएस

उद्योग विहार (जून 2019)-लखनऊ। अपने किराये पर संपत्ति दे रखी हो या बैंक में पैसा जमा कर रखा हो, किराये व जमा रकम के बदले मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) की कटौती अब पहले जितना नहीं सताएगी। इस साल से आयकर के टीडीएस में किए गए बदलाव के बाद खासतौर से उन वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलेगी, जिनकी आय बैंक में जमा रकम या मकान के किराये से हो रही है। आयकर बार एसोसिएशन ने बुधवार को लोगों को नये नियमों से परिचित कराया। आयकर भवन में टीडीएस पर आयोजित काॅन्फ्रेंस में विशेषज्ञों ने बताया कि पिछले साल तक किराये से 1.80 लाख रूपये तक होने वाली आय पर टीडीएस नहीं कटता था। यानी प्रतिमाह 15 हजार रूपये तक किराया बिना टीडीएस के मिलता था, लेकिन इस साल 2019-20 में यह रकम बढ़ाकर 2.40 लाख रूपये सालाना और 20 हजार रूपये महीना कर दी गई है। इसी तरह बैंकों में जमा रकम पर साल भर में 10 हजार रूपये से अधिक ब्याज मिलने पर टीडीएस कट जाता था लेकिन, अब इस रकम को चार गुना कर दिया गया है।

यह भी पढ़े-

नोएडा प्राधिकरण का बैंक खाता अटैच, पीएफ विभाग ने की रिकवरी जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/noida-authoritys-bank-account-attach-pf-department-recovery

40 हजार रूपये तक का ब्याज बिना टीडीएस के ही दिया जाएगा। आयकर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष केके दीक्षित ने बताया कि इसी तरह टीडीएस में कई और छोटे-छोटे बदलाव किए गए हैं। काॅन्फ्रेंस में एडवोकेट अक्षय अग्रवाल ने स्त्रोत पर कर कटौती और स्त्रोत पर कर संग्रह को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार टीडीएस के जरिए टैक्स जुटाती है लेकिन टीडीएस काटने और इसे सरकार के खाते में जमा करने की जिम्मेदारी भुगतान करने वाले व्यक्ति या संस्था की होती है। भुगतान करने वालों के लिए टीडीएस प्रमाणपत्र जारी कर यह बताना भी जरूरी है कि उन्होंने कितना टैक्स काटा और कितना जमा किया। काॅन्फ्रेंस में एसोसिएशन के महासचिव नृपेंद्र सिंह, एसोसिएशन की स्टडी सर्किल कमेटी के चेयरमैन एसके भार्गव तथा सदस्य सिद्धार्थ कोहली व शरोश शम्सी सहित अन्य मौजूद थे। गलत सूचना पर मिलेगी सजा यदि किसी व्यक्ति की आमदनी कर योग्य नहीं है तो वह फार्म 15 जी/एच में इसकी घोषणा कर सकता है। ऐसे मामले में उसे होने वाले भुगतान पर कोई टैक्स नहीं काटा जाएगा, लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि इस फार्म में असत्य विवरण देने पर तीन महीने से लेकर सात साल तक की सजा का भी प्रावधान है।

यह भी पढ़े-

रेडियोएक्टिव कार्बन का स्तर गहरे समुद्र में भी बढ़ा जानने के लिए लिंक पे क्लिक करे http://uvindianews.com/news/the-level-of-radioactive-carbon-also-increased-in-the-deep-sea