कंटेनमेंट जोन में घर के अंदर भी मास्क पहनकर रहें
कंटेनमेंट जोन में घर के अंदर भी मास्क पहनकर रहें
नई दिल्ली बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मामलों ने सरकार के साथ-साथ डॉक्टरों की भी चिंता बढ़ा दी है। डॉक्टर कहते हैं कि बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित लोगों से संक्रमण फैलने का सबसे ज्यादा खतरा है। ऐसे लोगों से दूसरों को गंभीर संक्रमण हो सकता है। इस वजह से कंटेनमेंट जोन में लोगों को घर के अंदर भी कपड़े का मास्क पहनकर रहना जरूरी है क्योंकि इन प्रभावित इलाकों में कौन संक्रमित है और कौन स्वस्थ यह समझ पाना मुश्किल है।यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) के निदेशक डॉक्टर एसके सरीन ने कहा कि बड़े पैमाने पर ऐसे लोग सामने आए हैं जिन्हें कोई लक्षण नहीं था। ऐसे लोगों को दो सप्ताह तक आइसोलेशन में रखकर देखभाल जरूरी है क्योंकि शुरुआत में कई लोगों में लक्षण नहीं होते।
लेकिन बाद में कई लोगों में लक्षण आ जाते हैं। कोरोना से संक्रमित जिन लोगों में लक्षण नहीं है यदि उनकी भी सीटी स्कैन जांच की जाए तो 10-20 फीसद लोगों में माइल्ड निमोनिया के लक्षण दिख जाएंगे। हालांकि उन्हें महसूस नहीं होगा। ऐसे लोगों का ध्यान रखना जरूरी है। जिन लोगों को बुखार, खांसी व सांस लेने में तकलीफ होने के लक्षण होते हैं उनके पास जल्द कोई नहीं रुकता। इसलिए लक्षण वाले मरीजों से संक्रमण होने का खतरा कम रहता है।जिन्हें लक्षण नहीं होते वे घर-परिवार व मोहल्ले में संक्रमण फैला सकते हैं। अधिक से अधिक जांच कर ऐसे लोगों की पहचान करने की जरूरत है। इसके अलावा उनके आसपास रहने वाले लोगों को खुद ही जांच कराने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक समय तक मास्क लगाकर रखने की जरूरत है।
खासतौर पर कंटेनमेंट जोन में तो घर में भी मास्क लगाकर रखें। इसके अलावा जो लोग बाहर दफ्तर में ड्यूटी पर जाते हैं वे वापस आने पर घर में भी मास्क लगाकर रख सकते हैं। बाहर से घर आने के बाद तुरंत पूरे कपड़े बदलें। घनी आबादी वाले इलाकों में फैल रहा संक्रमण सफदरजंग अस्पताल के प्रिवेंटिव व सामुदायिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर जुगल किशोर ने कहा कि लोग लॉकडाउन का ठीक से पालन नहीं करते। इससे समुदाय में संक्रमण फैल रहा है। खासतौर पर घनी आबादी वाले इलाकों व जहां साफ सफाई की कमी है, वहां मामले आ रहे हैं। इसलिए लोगों को सजग रहने की जरूरत है।
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