आरटीआइ में क्यों शब्द देखकर निरस्त न करें आवेदन
आरटीआइ में क्यों शब्द देखकर निरस्त न करें आवेदन
राज्य सूचना आयुक्त आरटीआइ के संबंध में अधिकारियों से बोले
-उद्योग विहार (जुलाई 2019)- गाजियाबाद।
राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने अधिकारियों से कहा है कि वह आरटीआइ में क्यों शब्द देखकर उसके आवेदन का निरस्त न करें। अधिकारी यह न देखें की आरटीआइ में क्यों शब्द का इस्तेमाल किया गया है तो उसका जवाब नहीं देना है, बल्कि वह यह देखें कि यदि सवाल का जवाब रिकॉर्ड में है तो उसे आवेदक को उपलब्ध कराना है। जो जवाब रिकॉर्ड में है सिर्फ उसे ही आवेदक को उपलब्ध कराना है। राज्य सूचना आयुक्त बृहस्पतिवार को कलक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों के जन सूचना अधिकारियों व अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहे थे। उन्होंने इस दौरान आरटीआइ से संबंधित बारीकियों से कर्मचारियों को अवगत कराया और आरटीआइ को किस तरह से आम आदमी के लिए सुलभ बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में जाकर अधिकारियों कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसके पीछे आम आदमी व अधिकारियों को आरटीआइ के प्रति जागरूक करना है। इसके साथ ही जनसूचना अधिकारी पारदर्शी बने। प्रदेश स्तर पर अभी लगभग 50 हजार तक आरटीआइ लंबित हैं। जबकि मेरठ मंडल में इसकी संख्या करीब दो हजार है। पिछले कुछ समय में आरटीआइ के निस्तारण में तेजी आई है और लंबित आरटीआइ की संख्या घटी है। आरटीआइ के नियमों के उल्लंघन पर प्रदेश में करीब 12 हजार अधिकारियों पर अर्थदंड लगाया जा चुका है। प्रदेश भर से शिकायतें मिलती है कि एक्ट का मिसयूज हो रहा है। लोग समाज के लिए नहीं बल्कि अपने निजी स्वार्थ के लिए आरटीआइ का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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