Gyanvapi मामले पर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, SC कायम रखा हाई कोर्ट का फैसला
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मामले पर बड़ा आदेश देते हुए हिंदुओं को पूजा करने से रोकने से इनकार कर दिया है.
Supreme Court on Gyanvapi: ज्ञानवापी मामले पर मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने 'व्यास तहखाना' के अंदर देवताओं की पूजा करने की अनुमति जारी रहेगी. यह आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट इस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
मस्जिद कमेटी की तरफ से दाखिल की गई याचिका में हाई कोर्ट के फैसले को चैलेंज किया गया था. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मस्जिद कमेटी के वकील से पूछा कि क्या मस्जिद और तहखाने में जाने का एक ही रास्ता है? इस पर वकील अहमदी ने कहा कि नहीं, मस्जिद में जाने का रास्ता उत्तर की तरफ है, जबकि तहखाने के लिए दक्षिण की तरफ से जाना होता है. इस जवाब के अदालत ने कहा कि अगर ऐसा है तो फिर दोनों की पूजापद्धति में किसी तरह की मुश्किल नहीं आएगी.
इलाहाबाद HC के फैसले के खिलाफ SC पहुंचा मुस्लिम पक्ष
अंजुमन इतंजामिया मस्जिद कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है. जिसमें मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिंदुओं की पूजा की अनुमति देने वाली निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा गया. कमिटी वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मामलों का प्रबंधन करती है. निचली अदालत ने 31 जनवरी को अपने आदेश में हिंदुओं को तहखाने में पूजा करने की अनमिति दी थी.
ज्ञानवापी मामले पर अधिवक्ता विष्णू शंकर जैन ने कही ये बात
ज्ञानवापी मामले पर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ''वाराणसी जिला न्यायालय में व्यास परिवार द्वारा दायर आवेदन, जिसमें 31 जनवरी 2024 से 'व्यास का तहखाना' में प्रार्थना करने की अनुमति दी गई थी, इलाहाबाद में विरोध किया गया. HC ने हिंदू पक्ष के पक्ष में फैसला सुनाया. अंजुमन इंतजामिया ने इलाहाबाद HC के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद, SC ने एक नोटिस जारी किया है और हमें 30 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है. SC 'आज की तारीख' की स्थिति बरकरार रखने को भी कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने 'व्यास का तहखाना' पर होने वाली प्रार्थनाओं पर कोई रोक नहीं लगाई है.'