'खेल के नियम' बदलना, अयोग्य व्यक्ति द्वारा मध्यस्थ की नियुक्ति, एलएमवी लाइसेंस का दायरा: सुप्रीम कोर्ट की नई संविधान पीठ के समक्ष मामला

Jun 28, 2023
Source: https://hindi.livelaw.in/

12 जुलाई से शुरू होने वाले चार मामलों की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक नई संविधान पीठ का गठन किया गया है। पीठ का नेतृत्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ करेंगे और इसमें जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल होंगे। बेंच निम्नलिखित मामलों की सुनवाई करेगी: 1. तेज प्रकाश पाठक और अन्य बनाम राजस्थान हाईकोर्ट और अन्य इस मामले में मुद्दा यह है कि क्या पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद "खेल के नियम" बदले जा सकते हैं। तेज प्रकाश मामले में, तीन जजों की पीठ ने संदेह जताया कि क्या खेल के नियमों को बदलने पर रोक को पूर्ण और नॉन-नेगोशिएबल माना जा सकता है। पिछले साल सितंबर में जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अगुवाई वाली 5 जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई शुरू की थी. हालांकि, बाद में जस्टिस बनर्जी और जस्टिस हेमंत गुप्ता की सेवानिवृत्ति के मद्देनजर पीठ को भंग कर दिया गया था। 2. रेलवे विद्युतीकरण के लिए केंद्रीय संगठन बनाम मैसर्स ईसीआई स्पिक एसएमओ एमसीएमएल (जेवी) एक संयुक्त उद्यम कंपनी और जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड बनाम दक्षिण पश्चिम रेलवे और अन्य इस मामले में मुद्दा यह है कि क्या कोई व्यक्ति, जो मध्यस्थ नियुक्त होने के लिए अयोग्य है, मध्यस्थ नियुक्त कर सकता है। जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड बनाम दक्षिण पश्चिम रेलवे और अन्य में, तत्कालीन सीजेआई यूयू ललित की अगुवाई वाली 3 जजों की पीठ ने कहा कि सेंट्रल ऑर्गनाइजेशन फॉर रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन बनाम मेसर्स ईसीआई एसपीआईसी एसएमओ एमसीएमएल (जेवी) में दो-जजों की पीठ द्वारा लिया गया दृष्टिकोण जनवरी 2021 में यूनियन ऑफ इंडिया बनाम तांतिया कंस्ट्रक्शन मामले में जस्टिस नरीमन की अगुवाई वाली 3 जजों क पीठ द्वारा संदेह किया गया था। इस पर ध्यान देते हुए, जेएसडब्ल्यू स्टील की पीठ ने भी इस मामले को तीन जजों की पीठ के पास भेज दिया और कहा, "चूंकि यह मुद्दा दोबारा उभर रहा है, हम देख सकते हैं कि यह चीजों की उपयुक्तता के अनुरूप होगा कि प्रश्न का समाधान जल्‍द किया जाए। 3. मेसर्स बजाज एलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम रंभा देवी और अन्य इस मामले में मुद्दा यह है, "क्या "हल्के मोटर वाहन" के संबंध में ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति उस लाइसेंस के आधार पर "हल्के मोटर वाहन वर्ग के परिवहन वाहन" को चलाने का हकदार हो सकता है, जिसका वजन 7500 किलोग्राम से अधिक न हो?" मार्च 2022 में जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की 3 जजो की पीठ ने मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (2017) 14 एससीसी 663 मामले में एक समन्वय पीठ द्वारा दिए गए निर्णय की शुद्धता पर संदेह किया था

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