Congress: शुरू होने से पहले कांग्रेस ने बदला 'भारत न्याय यात्रा' का नाम, जानें क्या है इसके पीछे की असली वजह?

Jan 04, 2024

Congress: कांग्रेस ने गुरुवार, (4 जनवरी) को अपनी 'भारत न्याय यात्रा' का नाम बदल दिया, जो 14 जनवरी से देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से भारत के पश्चिमी तट तक शुरू होने वाली है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस मार्च को अब 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' कहा जाएगा. 

Congress Bharat Nyay Yatra Renamed As Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस ने गुरुवार, (4 जनवरी) को अपनी 'भारत न्याय यात्रा' का नाम बदल दिया, जो 14 जनवरी से देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से भारत के पश्चिमी तट तक शुरू होने वाली है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस मार्च को अब 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' कहा जाएगा. सभी महासचिवों, प्रभारियों, पीसीसी प्रमुखों और सीएलपी नेताओं की बैठक में यह फैसला हुआ कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ एक ब्रांड बन गया है जो लोगों के मन में बसा हुआ है और हमें इसे खोना नहीं चाहिए.''

जयराम रमेश के अनुसार, भारत जोड़ो न्याय यात्रा 14 जनवरी को हिंसा प्रभावित मणिपुर की राजधानी इंफाल से दोपहर 12 बजे शुरू होगी. राहुल गांधी 66 दिनों के दौरान प्रतिदिन दो बार 6,700 किलोमीटर की पदयात्रा को संबोधित करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि “आज की चर्चा के आधार पर हमने यात्रा के रूटों को अंतिम रूप दिया. हमारे मन में हमेशा अरुणाचल प्रदेश था और इसलिए 'भारत जोडो न्याय यात्रा' अरुणाचल सहित 15 राज्यों को कवर करेगा. 

मणिपुर हिंसा के कारण कांग्रेस ने बदली योजना  

कांग्रेस ने शुरुआत में अरुणाचल के पासीघाट से महात्मा गांधी के जन्मस्थान गुजरात के पोरबंदर तक मार्च की योजना बनाई थी. हालांकि, 3 मई 2022 से मणिपुर में हुई जातीय हिंसा ने कांग्रेस को अपनी योजना बदलने पर मजबूर कर दिया. यात्रा उत्तर प्रदेश में 1,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जहां पार्टी का सिर्फ एक लोकसभा सांसद है, यानी पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी. 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' पांच दिनों में पश्चिम बंगाल के सात जिलों में 523 किलोमीटर की दूरी तय करेगा.

जयराम रमेश ने आगे कहा, "सभी भारतीय दलों और नागरिक समाज संगठनों को आमंत्रित किया जाएगा और इस यात्रा के तहत कुल मिलाकर 110 जिलों को कवर करने की योजना है.

भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी को कितनी सफलता

राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' को अब तक काफी अच्छी सफलता मिली है. कांग्रेस को गुजरात में सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वह हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब रही. उत्तर भारत में सबसे पुरानी पार्टी का सफाया हो गया लेकिन 2023 में कर्नाटक और तेलंगाना जीतने में कामयाब रही

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