गंगा दशहरा एवं निर्जला एकादशी के शुभ अवसर पर शीतल शरवत का वितरण

Jun 20, 2024

6 जून दिन रविवार को गंगा दशहरा था और धर्म शास्त्रों के अनुसार इसी दिन मां गंगा का आविर्भाव स्वर्ग से भूमि पर हुआ था। उसके अगले दिन सोमवार को निर्जला एकादशी थी धर्मानुरागी इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी मानते हैं। इन दोनों ही मौके पर शहर के प्रसिद्ध रामरेखा घाट, नाथबाबा घाट समेत अन्य गंगा घाटों पर स्नान-दान को लेकर श्रद्धालुओं की अच्छी भीड़ उमड़ती है। धर्म शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि जेठ महीने के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि में ही मां गंगा का धरती पर अवतरण राजा भगीरथ के प्रयास से हुआ था। इस दिन मां गंगा की विधि-विधान पूर्वक पूजन किए जाने से सभी प्रकार के शोक-दोष का निवारण हो जाता है। इस दिन श्रद्धालु भक्तों को मां गंगा की स्तुति, स्तोत्र व उनकी कथा का श्रवण करना चाहिए।बता दें कि निर्जला एकादशी को साल की 24 एकादशियों में सबसे बढ़कर फल देने वाली समझी जाती है। मान्यता है की इस एकादशी का व्रत रखने से समस्त एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त हो जाता है।इसी शुभ अवसर के बिच उत्थान समिति द्वारा शास्त्री नगर में  गंगा दशहरा एवं निर्जला एकादशी के पुण्य के अवसर पर दुग्ध एवं रूहआफजा व ख़ुशबू युक्त शीतल शरवत के वितरण का आयोजन निम्नवत् किया गया यह कार्यक्रम उठान समिति के सभी सम्मानित साथियो द्वारा आयोजित किया गया था । इस कार्यक्रम में अरुण त्यागी , उत्थान समिति के चेयरमैन सत्येन्द्र सिंह, वी के अग्रवाल उपस्थित थे