एचसीए विवाद: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने हाईकोर्ट के अवमानना नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

Jul 17, 2023
Source: https://hindi.livelaw.in/

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने नलगोंडा क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े विवाद में तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा जारी अवमानना नोटिस को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस एसवी भट्टी की खंडपीठ ने अजहर के वकील सीनियर एडवोकेट रामकांत रेड्डी के अनुरोध पर मामले को अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया। नलगोंडा जिला क्रिकेट एसोसिएशन (एसोसिएशन) ने 2021 में तेलंगाना उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की थी ताकि हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन को 2021-22 के लिए 2-दिवसीय लीग में भाग लेने की अनुमति देने का निर्देश दिया जा सके। उच्च न्यायालय ने इसकी अनुमति देते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया। एसोसिएशन ने 2018 में लोकपाल जस्टिस (सेवानिवृत्त) नरसिम्हा रेड्डी द्वारा पारित आदेशों को लागू करने के लिए हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन, बीसीसीआई और मोहम्मद अज़हरुद्दीन को निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट के समक्ष संबंधित मामले में याचिका भी दायर की थी। आदेश के संदर्भ में एसोसिएशन ने तर्क दिया कि वे हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के संबद्ध सदस्य के रूप में सभी लाभों के हकदार हैं, जिसमें सभी बैठकों, मैचों और टूर्नामेंटों में भाग लेना शामिल है। इस मामले में मोहम्मद अज़हरुद्दीन की ओर से वकील ने पैरवी की। उन्होंने हाईकोर्ट को बताया कि नलगोंडा एसोसिएशन को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित होने वाले सभी टूर्नामेंटों में भाग लेने की अनुमति है और यह 2022-23 के मौजूदा सत्र के दौरान भी जारी रहेगा। इस बयान को हाईकोर्ट ने रिकॉर्ड पर ले लिया। न्यायालय ने निर्देश दिया कि नलगोंडा एसोसिएशन को चालू वर्ष के क्रिकेट सत्र के दौरान भी सभी टूर्नामेंटों में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद एसोसिएशन ने 2022 में पारित हाईकोर्ट के आदेशों की जानबूझकर अवज्ञा करने का आरोप लगाते हुए 2023 में अवमानना ​​मामला दायर किया। हाईकोर्ट ने अवमानना मामले में मोहम्मद अज़हरुद्दीन को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से पेश होने की मांग की। पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में पूर्व एससी जज जस्टिस एल नागेश्वर राव की निगरानी में चुनाव कराने का निर्देश दिया था।