यहां बीजेपी से मुस्लिम उम्मीदवार को माना जाता है हराम! अब्दुल सलाम ने साझा किया अनुभव

Apr 18, 2024

Lok Sabha Election 2024: मलप्पुरम में भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवार डॉ. अब्दुल सलाम को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उस दौरान हुई कुछ बातों का उन्होंने जिक्र किया.

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव शुरू होने जा रहे हैं, ऐसे में सभी नेता अपने अपने इलाके में चुनाव प्रचार में लगे थे. इसी कड़ी में मलप्पुरम में भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवार डॉ. अब्दुल सलाम भी लोगों के बीच जाकर उनको वोट डालने की अपील कर रहे हैं. इसी बीच उन्होंने कई अनुभव साझा किए जिसमें उनके साथ BJP से उम्मीदवार होने की वजह बुरा बर्ताव किया गया. 

भाजपा उम्मीदवार हैं डॉ. अब्दुल सलाम 

केरल के मलप्पुरम में भाजपा ने एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, जिनका नाम डॉ. अब्दुल सलाम है. वो BJP से राज्य में भाजपा के एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार  हैं. मलप्पुरम निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार का प्रत्येक दिन 'जहां 68.3% से अधिक मतदाता मुस्लिम समुदाय से हैं. बावजूद इसके सलाम को इन दिनों काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान उन्होंने पुलिक्कल के पास एक दूरदराज के गांव में मतदाताओं के साथ बातचीत और मलप्पुरम शहर की मस्जिद में ईद की नमाज में भाग लेने के बाद अपने कड़वे अनुभव को साझा किया. 

उन्होंने बताया कि ''वो ईद की नमाज़ के बाद, मैं मस्जिद के बाहर आया और ईद की शुभकामनाएँ देते समय एक 60 साल व्यक्ति ने मेरा अपमान किया और मुझे गद्दार कहा. मेरे आसपास जो लेग थे वो चुप रहे. उन्होंने कहा कि ''मैं भी एक मुस्लिम हूं, लेकिन वे मेरे साथ इस तरह का व्यवहार करते हैं क्योंकि मैं बीजेपी में शामिल हो गया हूं.''

बीजेपी को पसंद नहीं करते लोग?

जिस तरह का व्यवहार लोग सलाम के साथ करते हैं उससे साफ है कि वहां की आबादी BJP को पसंद नहीं करती है. आंकड़ों के मुताबिक, यहां पर 68.3% से ज्यादा वोटर्स मुस्लिम समुदाय से हैं. सलाम ने आगे अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि ''उनका अभियान कोंडोटी के पास कोलाथुर में एक कॉन्वेंट की यात्रा के साथ शुरू हुआ, जहां उन्होंने निर्मला भवन की सिस्टर एन्सी से मुलाकात की.

बातचीत के बाद वह मुथेदाथू गांव में एक बैठक के लिए निकल गए. जब वह एक पारिवारिक बैठक के लिए एक स्थानीय RSS नेता के घर पहुंचे. सलाम ने इसपर कहा कि उनको बहुत निराशा हुई कि वहां पर सिर्फ 25 लोग मौजूद थे, साथ ही उन्होंने इस बात पर भी निराशा जाहिर की कि वो सिर्फ भाजपा-आरएसएस के गढ़ों में बैठकें आयोजित कर रहे हैं.