हिमयुगों ने किया अफ्रीका के वर्षावनों का बिखराव, DNA ने बताया कैसे
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पृथ्वी (Earth) के इतिहास के बारे में पड़ताल कर वैज्ञानिक कई सवालों के जवाब तलाशते हैं. एक तरफ पृथ्वी की जलवायु का इतिहास हमें यह जानकारी देता है कि आने वाले समय में हमें किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे, वहीं जीवाश्मों के अध्ययन से वैज्ञानिक यह जानने का प्रयास करते हैं कि जलवायु और अन्य बदलावों ने कैसे जीवों के विकासक्रम को प्रभावित किया. लेकिन एक नए अध्ययन में इसकी ठीक उलटा देखने को मिला. शोधकर्ताओं ने जीवाश्मों के डीएनए का अध्ययन कर यह पता लगाया है कि कई हिमयुगों (Ice Ages) ने मध्य अफ्रीका के वर्षावनों (Central African rainforest) के आकार को बहुत हद कर प्रभावित किया था.
संकुचित होकर बिखर गए वर्षावन
एक्स्टर यूनिवर्सिटी के अध्ययन के अनुसार हिमयुगों की प्रभाव के कारण ही मध्य अफ्रीका के वर्षावन संकुचित होकर बिखर गए जिससे आज के सवाना घास के मैदान अस्तित्व में आ सके. अफ्रीका के वर्षा वन मध्य अफ्रीका का एक बहुत बड़ा भूभाग घेरते हैं. इस अध्ययन में एक्सेटर यूनिवर्सिटी के साथ केपनहेगन यूनिवर्सिटी, यूएलबी ब्रूसेल्स और क्यू के द रॉयल बॉटेनिक गार्डन्स के शोधकर्ताओं का भी योगदान था.
अलग अलग जगह विकसित हुईं एक ही प्रजातियां
शोधकर्ताओं ने की एक ही समय पर एक ही प्रजाति के दो अलग पूर्व जनसंख्याओं के अनुवांशकीय संकेतों की पहचान की जो जंगलों के बिखरकर उनके अलग अलग हिस्सों के बनने से विकसित हुई थीं. इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस तथ्य का समर्थन करने वाले बहुत से प्रमाण हासिल किए.