प्रदूषण के बिगड़ते हालात पर डब्ल्यूएचओ की चेतावनी सावधान करने वाली है
Source: https://www.jagran.com/
नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/विवेक तिवारी। दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्तर पर पहुंच चुका है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगले पांच दिनों में हालात और खराब हो सकती है। ऐसे में दिल्ली सहित पंजाब और हरियाणा की सरकारों को इस प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। शनिवार सुबह दिल्ली विश्वविद्यालय के करीब हवा में पीएम 2.5 का स्तर 319 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गया। ये मानकों से पांच गुना से ज्यादा है। इसी तरह मथुरा रोड पीएम 2.5 का स्तर 316 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा। इसी तरह आयानगर में पीएम 2.5 का स्तर 297 माइक्रोगाम प्रति क्यूबिक मीटर रहा।
वायु प्रदूषण पर काम करने वाले सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट के एक्सपर्ट विवेक चटोपाध्याय के मुताबिक दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्तर तक पहुंच चुका है। अगले पांच दिन प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा। दिल्ली की हवा में मौजूद प्रदूषण में लगभग 20 फीसदी हिस्सेदारी पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली के धुएं की है। बाकी प्रदूषण स्थानीय तौर पर है। पराली जलाने पर लगाम लगाने के साथ ही दिल्ली और एनसीआर में बड़े पैमाने पर अभियान चला कर प्रदूषण पर लगाम लगाने की जरूरत है।
प्रदूषण के चलते हर मिनट जा रही है 13 लोगों की जान, इस रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
हवा में बढ़ते प्रदूषण के चलते पूरी दुनिया में हर मिनट औसतन 13 लोगों की जान जा रही है। ये खुलासा हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO ) की ओर से पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में जीवाश्म इंधन जलाए जाने से होने वाला वायु प्रदूषण लोगों की जान ले रहा है। वहीं प्रदूषण के चलते हो रहा जलवायु परिवर्तन मानव जाति के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। जलवायु परिवर्तन के खतरों से कोई भी ऐसा नहीं है जिसकी सेहत पर असर नहीं होगा।
डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज के प्रभावों को कम करने के लिए ऊर्जा, ट्रांस्पोर्ट, पर्यावरण, फूड सिस्टम और वित्तीय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जरूरी बदलाव करने की जरूरत है। इनवायरमेंट, क्लाइमेट चेंज और हेल्थ के मामलों में डब्लूएचओ की निदेशक Dr Maria Neira के मुताबिक क्लाइमेट चेंज हमारे सामने सबसे बड़ी हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर सामने आ रहा है। अगर वायु प्रदूषण के स्तर को WHO के दिशानिर्देशों के स्तर लाया जा सके तो वायु प्रदूषण से होने वाली वैश्विक मौतों की कुल संख्या में 80% की कमी आएगी। वहीं जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों के मुताबिक अधिक पौष्टिक और पेड़ पौधों पर आधारित खाने पीने की आदतों को अपनाने से वैश्विक उत्सर्जन को काफी कम कर सकता है। डब्लूएचओ के मुताबिक अधिक लचीली खाद्य प्रणाली अपना कर 2050 तक एक वर्ष में 5.1 मिलियन आहार से संबंधित मौतों से बच सकता है।
प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार ने उठाए ये दस कदम
- पराली को खेतों में गलाने के लिए बायो डी-कंपोजर दिल्ली के किसानों को दिया जा रहा है।
दिल्ली सरकार ने निर्माण कार्य के दौरान धूल उड़ा कर प्रदूषण फैलाने पर कार्रवाई की बात कही है।
- कूड़ा जलाने पर लगेगा जुर्माना।
- दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- दिल्ली में स्मॉग टॉवर लगाए जा रहे हैं।
- सरकार की ओर से हॉटस्पॉट की निगरानी की जा रही है।
- सरकार ने ग्रीन वॉर रूम बनाया है।
- सरकार ने ग्रीन दिल्ली ऐप लाँच किया है।
- सरकार देश का पहला ई-वेस्ट पार्क बना रही है।
- सरकार ने वाहनों के प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाए हैं।