आईबी के छात्रों ने उठाया पेपर लीक का लाभ, गणित का पेपर हुआ वायरल
Paper Leak Case: सीबीएसई प्रणाली के मुताबिक कागजात बैंकों में रखे जाते हैं, मगर स्कूल स्तर पर पेपर में छेड़छाड़ की संभावना होती है. वहीं एसएससी एवं एचएससी पेपरों की चर्चा अगर करें तो वे परीक्षा के दिन से पहले निर्धारित किए जाते हैं.
Paper Leak Case: इंटरनेशनल बैकलॉरिएट डिप्लोमा प्रोग्राम (आईबीडीपी) 12वीं कक्षा के समकक्ष बीते सप्ताह अपने दो गणित परीक्षणों के दरमियान टाइम जोन नकल के उदाहरणों का अनुभव हुआ है. एक वक्त इन छात्रों ने सारे प्रश्नों को याद कर लिया और फिर बाद में अपने परीक्षण पूरा करने के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. बता दें कि इस माध्यम से अन्य क्षेत्रों के उन छात्रों की सहायता की गई जो अभी तक परीक्षा नहीं दे पाए थे.
पेपर की सामग्री का तुर्की से कनेक्शन
आईबी बोर्ड ने अपनी इस स्थिति को स्वीकार तो कर लिया है. मगर रिसाव के मूल देश को निर्दिष्ट नहीं किया है. जबकि मुंबई के प्राचार्यों का कहना है कि पेपर की सारी सामग्री तुर्की से अपलोड की गई थी. वहीं समय के अंतर से जानकारी मिलती है कि भारतीय छात्रों को इससे लाभ कम मिला है. जबकि हांगकांग, सिंगापुर, यूरोप और अमेरिका के छात्रों को इससे लाभ हो सकता था.
साथ ही स्विट्जरलैंड स्थित बोर्ड के 55 साल से अधिक के इतिहास में पेपर लीक नहीं हुआ था. दरअसल ये ऐसी पहली घटना है जिसमें साहित्यिक चोरी के साथ भूत-लेखन जैसे शैक्षणिक कदाचार के खिलाफ नीतियां अपनाई गई हैं. बता दें कि टाइम जोन, धोखाधड़ी पर पहले किसी तरह का ध्यान नहीं है.
आईबी की परीक्षा कब थी?
जानकारी दें कि आईबी की परीक्षा बीते 24 अप्रैल को शुरू हुई थी, जिसमें 2 घंटे की गणित परीक्षा 1 व 2 मई को आयोजित की गई थी. जबकि पेपर लीक का पता बीते 3 मई को लगा. बोर्ड एक समान समय सारिणी के साथ तीन समय क्षेत्रों में परीक्षा आयोजित करता है. बोर्ड के मुताबिक गणित में टाइम जोन नकल में उपस्थित कुछ छात्रों की पहचान कर ली गई है. साथ ही इसकी एक औपचारिक जांच की जाएगी, जिसमें दोषी पाए गए छात्रों को गंभीर परिणाम का सामना करना पड़ेगा. जैसे संबंधित विषयों के लिए अंक न देना, डिप्लोमा न देना भविष्य की परीक्षाओं से निलंबित कर देना.
व्यापक धोखाधड़ी का सबूत
मिली जानकारी के मुताबिक कुछ अभिभावकों और छात्रों की तरफ से परीक्षा रद्द न करने की मांग की गई है. इसके बावजूद बोर्ड का कहना है कि व्यापक धोखाधड़ी का कोई सबूत अभी तक नहीं मिला है. परीक्षा सत्र की समग्र अखंडता में विश्वास बनाए रखता है. साथ ही परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक होंगी.