ISRO: गगनयान मिशन के लिए चुने गए एस्ट्रोनॉट, पीएम ने कहा, 'आज की पीढ़ी बहुत सौभाग्यशाली'

Feb 28, 2024

ISRO: पीएम ने मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' के लिए चार एस्ट्रोनॉट के नाम का ऐलान किया. चारों पायलट बेंगलुरु में अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में प्रशिक्षण ले रहे हैं.ISRO: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' के लिए चार पायलटों के नामों की घोषणा की. पायलट में ग्रुप कैप्टन पी बालाकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर एस शुक्ला का नाम शामिल है. 

ट्राइसोनिक पवन सुरंग का उद्घाटन 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में PSLV एकीकरण सुविधा (PIF) सहित अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इसके साथ ही महेंद्रगिरि में ISRO प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई सेमी-क्रायोजेनिक्स एकीकृत इंजन और स्टेज परीक्षण सुविधा और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में ट्राइसोनिक पवन सुरंग का भी उद्घाटन किया.

कौन हैं चार पायलट?

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों को 2018 में घोषित गगनयान मिशन के लिए चुना गया है, वे या तो विंग कमांडर हैं या ग्रुप कैप्टन हैं. सूत्रों ने बताया है कि इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों के नाम पायलट में ग्रुप कैप्टन पी बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर एस शुक्ला है. ये सभी अंतरिक्ष यात्री कई परीक्षणों से गुजर चुके हैं और मिशन के आखिरी चरण में पहुंच चुके हैं. 

आज की पीढ़ी बहुत सौभाग्यशाली- पीएम 

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा, 'हर देश की विकास यात्रा में कुछ  लम्हे ऐसे आते हैं जो आज के समय के साथ ही आने वाली पीढ़ियों को भी परिभाषित करते हैं. आज भारत के लिए यह ऐसा ही लम्हहै, हमारी आज की पीढ़ी बहुत किस्मत वाली है जिसे जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में ऐतिहासिक कार्यों का सौभाग्य मिल रहा है.' पीएम ने कहा कि 'मैं चाहता हूं कि हर कोई हमारे अंतरिक्ष यात्रियों का खड़े होकर अभिनंदन करे.

क्या है गगनयान मिशन?गगनयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होगा. इसे 2024-2025 के बीच लॉन्च करने किया जाना है. इस मिशन में तीन इंसानों के एक दल को तीन दिवसीय मिशन के लिए भेजा जाएगा. जिसको 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करने और भारतीय समुद्री जल में उतरकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने का लक्ष्य है.