Lok Sabha Election 2024: 19 अप्रैल से 7 चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव, 4 जून को आएँगे नतीजे
Lok Sabha Election 2024 Date Announced: चुनाव आयोग ने 2024 लोकसभा चुनाव की तारीख़ों का ऐलान कर दिया है. पढ़िए पूरी ख़बर
Election Commission: चुनावी बिगुल बज गया है, 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक देशभर में चुनाव होंगे. चुनाव आयोग ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख़ों का ऐलान कर दिया है. चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने बताया कि लोक सभा चुनाव 7 चरणों में होंगे और 4 जून को नतीजे आएंगे. पहला चरण 19 अप्रैल, दूसरा चरण 26 अप्रैल, तीसरा चरण 7 मई, चौथा चरण 13 मई, पांचवां चरण 20 मई, छठां चरण 25 मई और सातवें चरण में 1 जून को वोट डाले जाएंगे. वहीं 4 जून को नतीजे आएंगे.
इलेक्शन कमीशन ने यह ऐलान 18वीं लोकसभा के लिए किए हैं. इस ऐलान के साथ ही देशभर में आचार संहिता भी लागू हो गई है. याद रहे कि 16 जून को मौजूदा सरकार का कार्यकाल ख़त्म हो जाएगा. पिछले लोकसभा चुनाव का ऐलान 10 मार्च को किया गया था. ऐलान के मुताबिक़ 11 अप्रैल से 7 चरणों देशभर में चुनाव हुए थे और 23 मई को नतीजे आए थे. नीचे टेबल में देखिए 2019 और 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे.
2019 और 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे
पार्टी |
2019 |
2014 |
एनडीए |
352 |
336 |
भाजपा |
303 |
282 |
यूपीए |
92 |
59 |
कांग्रेस |
52 |
44 |
सपा+बसपा |
15 |
5 |
तृणमूल कांग्रेस |
22 |
34 |
2019 के चुनाव में उत्तर प्रदेश अलावा पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार और तमिल नाडु बड़े राज्यों में शुमार किए जाते हैं. आइन जानते हैं इन राज्यों में किस पार्टी की कैसी हालत थी.
आचार संहिता हुई लागू
चुनावों की तारीख़ के ऐलान को तुरंत बाद ही आचार संहिता लागू हो जाएगी. जिसके बाद चुनाव आयोग ही देश बॉस बन जाता है. राजनीतिक पार्टियाँ या फिर सरकार भी कोई ऐसा कदम नहीं उठा सकती जो आचार संहिता के ख़िलाफ़ हो. नीचे देखिए आचार संहिता से जुड़े कुछ नियम:
- आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार किसी भी तरह का नया ऐलान नहीं कर सकती है.
- सरकार से जुड़ा कोई भी व्यक्ति किसी भी परियोजना का उद्घाटन या फिर शिलान्यास नहीं कर सकता.
- सरकार किसी भी अफ़सर का ट्रांसफ़र या पोस्टिंग भी नहीं कर सकती.
- इस दौरान सरकारी पैसों के इस्तेमाल पर भी पाबंदी होती है. जैसे- सरकारी पैसों की मदद से किसी भी तरह के विज्ञापन नहीं चला सकती है. अगर कुछ विज्ञापन जो पहले से चल रहे होंगे उन्हें भी हटा लिया जाएगा.
- आचार संहिता का उल्लंघन करने पर नेता के ख़िलाफ़ कार्रवाई के तौर पर उसके प्रचार से पाबंदी लग सकती है. इसके अलावा ज़रूरत चुनाव लड़ने पर भी चुनाव आयोग रोग लगा सकता है. इतना ही नहीं क़ानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
इस बार किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा चुनाव?
➤ मोदी का परिवार- चुनाव लड़ने के लिए एक मुद्दा नहीं पार्टियों के पास कई मुद्दे हैं. इसमें हाल ही में 'मोदी का परिवार' मुद्दा सुर्खियों में है. आज ही प्रधानमंत्री मोदी ने मोदी का परिवार करके एक कैंपेन भी शुरू किया है. कुछ दिन पहले ही पार्टी के नेताओं ने मोदी का परिवार लिखकर अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी बायो बदल दी थी, जिसके बाद से विपक्ष ने इसको लेकर BJP को घेरती नजर आई.
➤ परिवारवाद- राजनीति में परिवारवाद का मु्द्दा अक्सर उठता रहता है. चुनाव से पहले भी इस मुद्दे पर सियासी हलचल तेज है. जहां BJP अपोजिशन को परिवारवादी पार्टियों का एक गठबंधन कह रही है. वहीं, विपक्ष ने भी मोदी के परिवार पर सरकार को घेरा है.
➤ राम मंदिर- राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा देश के साथ-साथ पूरी दुनिया ने देखी थी. जिसतनी जोर शोर से इसका उद्घाटन किया गया उससे साफ था कि लोकसभा चुनाव का ये प्रमुख मुद्दा हो सकता है. आम लोगों को चुनाव से पहले राम मंदिर के दर्शन कराने के लिए भी ले जाा जा रहा है. इसके साथ ही पीएम से लेकर बड़े बड़े नेताओं ने अपनी प्रचार में इस मुद्दे को कई बार उठाया है.
➤ CAA- इलेक्शन से कुछ ही दिन पहले केंद्र ने CAA लागू कर दिया है. CAA और NRC का मुद्दा सालों से चलता आ रहा था, इस बीच इसके लागू करके BJP इसको अपने लिए मुद्दा बना सकती है. वही, विपक्ष की बात करें तो वो इसको अपने लिए मुद्दा बना सकता है. आज ही ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में CAA पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की है. आने वाले चुनाव में ये पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए बड़ा मुद्दा बन सकता है.
ऐसे देखा जाए तो इस बार मोदी की गारंटी, मोदी का परिवार, CAA, सशक्त भारत, राम मंदिर और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर पूरा इलेक्शन टिका होगा, इसमें 370 के मुद्दे होंगे. विपक्ष का देखा जाए तो वो महंगाई, बेरोजगारी, जातीय जनगणना, चुनावी बॉण्ड जैसे मुद्दे उठा ही रहा है.
कौन होंगे चुनाव प्रचार के बड़े चेहरे
➤ नरेंद्र मोदी- पक्ष और विपक्ष में कई बड़े चेहरे हैं जो चुनाव में बड़ा चेहरा बनेंगे. BJP में देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव से पहले देश भर में खूब रैलियां कर रहे हैं. चुनाव से पहले ही करोड़ों की योजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं.
➤ राहुल गांधी- कांग्रेस से राहुल गांधी का नाम सबसे ऊपर है, फिलहाल उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा भी कर रहे हैं. देश भर के लोगों से वो खुद जाकर मिल रहे हैं. राहुल के बाद कांग्रेस से प्रियंका गांधी भी एक चर्चित चेहरा हैं. वो कई जगह पर जाकर पार्टी के लिए रैलियां करती नजर आती रहती हैं.
➤ ममता बनर्जी- पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम सबसे ऊपर आता है. बंगाल में ममता जमीनी स्तर पर जाकर प्रचार करती हैं. फलिहाल तो ममता चोटिल हैं,लेकिन पहले भी उनको कई बार स्वस्थ ना होने के बावजूद भी वो रैलियां करती नजर आ चुकी हैं.
➤ अखिलेश यादव- उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां पर एसपी से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बड़ा चेहरा रहेंगे. उत्तर प्रदेश काफी बड़ा राज्य है, इसमें 80 लोकसभा सीटें हैं.
➤ तेजस्वी यादव- बिहार की राजनीति में जिस तरह से अचानक बदलाव हुआ है. उससे नीतीश कुमार के साथ-साथ तेजस्वी यादव भी काफी चर्चा में रहे. इसके पहले गठबंधन के दौरान तेजस्वी नीतीश कुमार के साथ मिलकर बिहार में कई मुद्दों पर काम भी किए हैं.