Lok Sabha Election 2024: आज़म ख़ान को टक्कर देने उतरी नवाब खानदान की बहू, सपा की बढ़ी टेंशन!
Lok Sabha Election 2024: यूपीसीसी के सभी संगठनों के अध्यक्षों और यूपी की अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी यानी एआईसीसी के प्रभारी सचिवों के अलावा राजनीतिक मामलों की कमेटी में 40 नाम हैं.
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई को लेकर बड़ा फैसला लिया है. कांग्रेस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, खड़गे ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की राजनीतिक मामलों की समिति और प्रदेश चुनाव समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई कि दोनों समितियां जल्द ही अपना काम शुरू कर देंगी. कांग्रेस की इस लिस्ट से सपा को टेंशन हो सकती है, क्योंकि कांग्रेस ने लिस्ट में नवाब खानदान की बहू बेगम नूरबानो को खास जगह दी है.
लिस्ट में 40 लोगों का नाम है शामिल
कांग्रेस महासचिव और सांसद केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी इस प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. कांग्रेस ने रात 10 बजे समिति सदस्यों का पत्र जारी किया. यूपीसीसी के सभी संगठनों के अध्यक्षों और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी यानी एआईसीसी के यूपी प्रभारी सचिवों के अलावा राजनीतिक मामलों की कमेटी में 40 नाम हैं. इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सूची में 39 नाम हैं.
रामपुर से बेगम नूर बानो का नाम
प्रदेश कांग्रेस कमेटी में रामपुर से बेगम नूर बानो को शामिल किया गया है. रामपुर लोकसभा संसदीय सीट पर आजम खान और नवाब परिवार के बीच सियासी टक्कर रहती है. बेगम नूर बानो को यूपीसीसी में शामिल करने का फैसले से सपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, नवाब खानदान की बहू ने पिछले साल दिसंबर 2023 में पार्टी मीटिंग में 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.
नवाब परिवार गठबंधन में होगा शामिल?
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने नूर बानो को यूपीसीएस में इसलिए शामिल किया है ताकि वह उन्हें और नवाब परिवार को इस गठबंधन में शामिल होने के लिए मना सके. अभी यह साफ नहीं है कि समाजवादी पार्टी रामपुर लोकसभा सीट से किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी. हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर सपा आजम परिवार से किसी को मैदान में उतारती है तो नवाब परिवार अपने तरीके से जवाब दे सकता है.
कौन हैं नूर बानो
बेगम नूर बानो के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह दो बार सांसद रह चुकी हैं. नवाब जुल्फेकार अली खां उर्फ मिक्की मियां की मौत के बाद 1996 में चुनावी मैदान में उतरीं बेगम नूर बानो पहली बार कांग्रेस के टिकट पर रामपुर सीट से सांसद बनीं. हालांकि, 1998 के चुनाव में वह मुख्तार अब्बास नकवी से हार गईं. साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में बेगम नूर बानो ने जीत हासिल की थी.
जयाप्रदा से मिली थी शिकस्त
2004 में नूरबानो सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा से हार गईं थीं. 2009 में भी नूरबानो को जयाप्रदा से हार मिली थी. 2014 में उन्होंने रामपुर की बजाय मुरादाबाद सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन यहां भी उन्हें सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने 2019 में चुनाव नहीं लड़ा. अब एक बार फिर उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. नूरबानो के पति नवाब जुल्फेकार अली खान कांग्रेस से पांच बार रामपुर से सांसद रहे हैं.